भगवान शिव की नगरी काशी में मां अन्नपूर्णा की स्वर्ण प्रतिमा वाला मंदिर शुक्रवार को धनतेरस के दिन खुलेगा। चार दिनों तक श्रद्धालु स्वर्ण प्रतिमा का दर्शन कर मां का खजाना पा सकेंगे। धनतेरस पर होने वाले विशेष दर्शन से पूर्व मंदिर को फूल माला और विद्युल झालरों से सजाया जा रहा है। इसके अलावा श्रद्धालुओं की भीड़ उमड़ने को देखते हुए सुरक्षा के व्यापक बंदोवस्त किए गए हैं।
काशी विश्वनाथ मंदिर के पास अन्नपूर्णा मंदिर के प्रथम तल पर स्थित स्वर्ण प्रतिमा वाला मंदिर साल में सिर्फ चार दिन धनतेरस से अन्नकूट तक ही खुलता है। शुक्रवार भोर में अमृत सिद्धी योग में मां के षोडशोपचार पूजन और मंगला आरती के बाद पट भक्तों के खोल दिए जाएंगे। चार दिनों तक देश-दुनिया के लाखों लोग मां के चरणों में अर्पित सिक्के और धान का लावा खजाने के रूप मे पाने को दरबार में पहुंचेंगे।
मंदिर में दो दर्जन सीसीटीवी कैमरों से निगरानी
मंदिर के महंत रामेश्वर पुरी ने बताया कि पुलिस और प्रशासनिक अधिकारियों से वार्ता के बाद व्यवस्था को अंतिम रूप दिया है। सुरक्षा की दृष्टि से मंदिर परसिर में दो दर्जन सीसीटीवी कैमरे लगाए गए हैं। वहीं भीड़ को नियंत्रित करने को प्रशासन ने दो किलोमीटर एरिया में बैरेकेडिंग कराई है।
पांच सौ साल पुराना है मंदिर
धनतेरस के दिन खुलने वाला स्वर्ण प्रतिमा का मंदिर पांच सौ साल से ज्यादा पुराना है। मंदिर में अन्नदात्री की ठोस स्वर्ण प्रतिमा कमलासन पर विराजमान हैं और रजत शिल्प में ढले भगवान शिव की झोली में अन्नदान कर रही हैं। मां अन्नपूर्णा के दायीं ओर मां लक्ष्मी और बाएं भाग में भूदेवी का स्वर्ण विग्रह है। सिंहासन व मूर्तियों की उंचाई लगभग साढ़े पांच फुट है। ऐसी मूर्ति व अदभुत दरबार शायद ही कहीं और देखने को मिलेगा।
Source: UttarPradesh