रायपुर। छत्तीसगढ़ के पूर्व मुख्यमंत्री अजीत जोगी की जाति के मामले की जांच कर रही हाईपॉवर कमेटी की रिपोर्ट के मद्देनजर भारतीय जनता पार्टी ने कांग्रेस के केन्द्रीय और प्रादेशिक नेतृत्व को कठघरे में खड़ा किया है। पार्टी ने कहा कि जोगी को आदिवासी बताकर छत्तीसगढ़ का नेतृत्व सौंपकर कांग्रेस ने प्रदेश के साथ छलावा किया था और इसके लिए कांग्रेस को छत्तीसगढ़ से माफी मांगनी चाहिए।
विधानसभा में नेता प्रतिपक्ष धरमलाल कौशिक ने कहा कि हाईपॉवर कमेटी ने जोगी को आदिवासी नहीं मानकर भाजपा के दृष्टिकोण को प्रामाणिक सिध्द कर दिया है। भाजपा शुरू से ही जोगी के आदिवासी होने पर सवाल उठाती रही और बाद में हमारी सरकार के कार्यकाल में इस जाति विवाद की जांच भी शुरू हुई। हालांकि बाद में यह मामला न्यायालय के विचाराधीन हो गया था। श्री कौशिक ने कहा कि अब जबकि सर्वोच्च न्यायालय के आदेश और उच्च न्यायालय के कहने पर विधिसम्मत गठित हाईपॉवर कमेटी ने यह रिपोर्ट दी है कि जोगी आदिवासी नहीं हैं और प्रदेश अजा, अजजा व पिछड़ा वर्ग नियम के प्रावधानों के तहत बिलासपुर कलेक्टर को प्रमाण पत्र जब्त करने के निर्देश दिए हैं; तो कांग्रेस नेतृत्व के महाझूठ की कलई खुल गई है।
श्री कौशिक ने कहा कि जोगी और उनकी पार्टी को भाजपा की बी टीम बताकर अपनी खीझ मिटाने वाले कांग्रेस नेताओं को यह कतई नहीं भूलना चाहिए कि जाति मामले की जांच के लिए प्रदेश की पूर्ववर्ती भाजपा सरकार के कार्यकाल में ही 21 फरवरी 2018 को हाईपॉवर कमेटी बनी थी। जोगी के जाति-मामले में तो असली गुनाहगार कांग्रेस का नेतृत्व ही है। राज्य गठन के समय तत्कालीन कांग्रेस अध्यक्ष सोनिया गांधी ने छत्तीसगढ़ को आदिवासी नेतृत्व सौंपने की बात कहकर जोगी को छत्तीसगढ़ का मुख्यमंत्री बनवाया था और पूरी पार्टी जोगी को आदिवासी बताकर अपना झूठ स्थापित करने में जुटी थी। प्रदेश के आज के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल भी जोगी के कथित आदिवासी-राजनीतिक नेतृत्व के कसीदे पढ़कर जोगी की सरकार के मंत्री बने हुए थे।
श्री कौशिक ने कहा कि जोगी के आदिवासी नहीं होने का भाजपा का दावा अब हाईपॉवर कमेटी की रिपोर्ट से सत्य प्रमाणित हो गया है। अब कांग्रेस की अंतरिम अध्यक्ष सोनिया गांधी से लेकर प्रदेश के मुख्यमंत्री भूपेश बघेल तक समूचे पार्टी नेतृत्व को अपने राजनीतिक झूठ और आदिवासी नेतृत्व के नाम पर प्रदेश से छलावा करने के लिए नि:शर्त क्षमायाचना करनी चाहिए।