उग्रवादी संगठन HNLC पर केंद्र ने लगाया प्रतिबंध

शिलॉन्ग/नई दिल्ली
मेघालय में सक्रिय उग्रवादी समूह हिनीवट्रेप नेशनल लिब्रेशन काउंसिल (एचएनएलसी) को उसकी हिंसात्मक एवं विध्वसंक गतिविधियों के कारण केंद्र सरकार ने प्रतिबंधित कर दिया है। सोमवार को ने एक अधिसूचना में कहा कि एचएनएलसी, उक्त संगठन के सभी धड़ों, शाखाओं और उससे जुड़े संगठनों ने भारत से राज्य के उन क्षेत्रों को अलग करने के उद्देश्य की सार्वजनिक घोषणा की है, जिनमें मुख्य रूप से खासी और जयंतिया जनजातियां रहती हैं।

मंत्रालय ने अधिसूचना में कहा है कि एचएनएलसी जबरन धन वसूलने के लिए आम लोगों को डराता-धमकाता और परेशान करता है, जबरन वसूली एवं धमकाने के लिए पूर्वोत्तर के अन्य उग्रवादी समूहों से संबंध रखता है और इसने अपने सदस्यों को पनाह और प्रशिक्षण देने के लिए बांग्लादेश में शिविर स्थापित किए हैं। केंद्र सरकार का यह भी मानना है कि एचएनएलसी की गतिविधियों से भारत की संप्रभुता एवं अखंडता को खतरा है।

मंत्रालय ने कहा कि यदि इन गतिविधियों को तत्काल नियंत्रित नहीं किया गया तो एचएनएलसी स्वयं को फिर से एकजुट करेगा। इसके अलावा वह अपने सदस्यों की संख्या बढ़ाएगा, अत्याधुनिक हथियार खरीदेगा, आम नागरिकों और सुरक्षा बलों के जीवन को खतरा पहुंचाएगा और अपनी राष्ट्र विरोधी गतिविधियों को बढ़ाएगा। अधिसूचना में कहा गया है कि केंद्र सरकार अवैध गतिविधि (रोकथाम) अधिनियम 1967 की धारा तीन की उपधारा (एक) द्वारा प्रदत्त शक्तियों का प्रयोग करते हुए एचएनएलसी, उसके सभी धड़ों, शाखाओं और इससे जुड़े संगठनों को अवैध घोषित करती है।

2000 में भी लगाया गया था प्रतिबंध
मंत्रालय ने एक आम नागरिक की हत्या समेत एचएनएलसी द्वारा हाल में की गई हिंसात्मक घटनाओं, इसके 16 सदस्यों की गिरफ्तारी, चार हथियारों की बरामदगी, इसके 14 सदस्यों के आत्मसमर्पण और लोगों के अपहरण की घटनाओं को भी सूचीबद्ध किया। इससे पहले, एचएनएलसी को 16 नवंबर 2000 को प्रतिबंधित संगठन घोषित किया गया था लेकिन बाद में प्रतिबंध हटा लिया गया था।

Source: National

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