यह मोदी सरकार, मुस्लिम ना करें चिंता: शाह

नई दिल्ली
में नागरिकता संशोधन विधेयक पेश करते हुए गृहमंत्री ने साफ कहा कि इस बिल को लेकर देश के मुसलमानों को चिंता करने की जरूरत नहीं है। देश के मुसलमान यहां के नागरिक थे, हैं और रहेंगे। शाह ने यह भी कहा कि कुछ लोग मुस्लिमों को बरगलाने की कोशिश कर रहे हैं। उन्होंने मुस्लिम समुदाय से अपील की कि वे किसी के भी बहकावे में ना आएं और मोदी सरकार पर भरोसा रखें। शाह ने कहा कि यहां सवाल देश के अल्पसंख्यकों का नहीं बल्कि प्रताड़ित होकर पड़ोसी देश से आए अल्पसंख्यकों को नागरिकता देने का है, जिन्हें इस बिल के जरिए यातना से मुक्ति मिलेगी।

राज्यसभा में अमित शाह ने कहा, ‘मैं सदन के सामने ऐतिहासिक बिल लेकर उपस्थित हुआ हूं। इस बिल का प्रावधान यातना का जीवन जी रहे लाखों-करोड़ों लोगों के लिए आशा की किरण है। धर्म के आधार पर प्रताड़ना झेलने वाले लोगों के लिए हम बिल लेकर आए हैं। आजादी के बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान और अफगानिस्तान के अल्पसंख्यक जो यहां आएं हैं उन्हें हम नागरिकता देंगे।’

‘पूर्वोत्तर की चिंता हमें भी है’
पूर्वोत्तर राज्यों की आशंका को लेकर स्थिति स्पष्ट करते हुए गृहमंत्री ने कहा पूर्वोत्तर की चिंता इस बिल में की गई है। हम पूर्वोत्तर राज्यों के लोगों के भाषाई, सामाजिक, राजनीतिक रक्षा के लिए हम अपनी प्रतिबद्धता जताते है। असम के सभी मूल निवासियों को मैं इस सदन के माध्यम से आश्वस्त करना चाहता हूं कि एनडीए की सरकार, बीजेपी की सरकार क्लॉज 6 के कमिटी के माध्यम से आपके सभी हितों की चिंता करेगी। इस पर बिल्कुल चिंता न करें। यह सरकार सबका साथ-सबका विकास के आधार पर चलने वाली है। हम मानते हैं कि असम आंदोलन के अंदर जो शहीद हुए हैं उन सबकी शहादत बेकार नहीं जाएगी। इसलिए हमने क्लॉज 6 की कमिटी बनाई है। इसमें आसू भी है जिसने आंदोलन किया। असम गण परिषद के साथी भी हैं।

‘बिल में नॉर्थ ईस्ट के हितों की चर्चा गई है’
शाह ने आगे कहा, ‘सरल भाषा में मैं बताना चाहता हूं कि यह बिल है क्या। पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान, जिन तीन देशों की सीमाएं भारत को छूती हैं, उन तीन देशों में हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई, ये अल्पसंख्यक लोग जो भारत में आए हैं, किसी भी समय आए हैं, उनको नागरिकता प्रदान करने का इस बिल में प्रावधान है। इसका मतलब आजादी के बाद बांग्लादेश, पाकिस्तान, अफगानिस्तान से जो भी हिंदू, सिख, जैन, बौद्ध, पारसी और ईसाई धर्म के अनुसरण करने वाले आए हैं, उन्हें नागरिकता देंगे। इसके अलावा नॉर्थ ईस्ट के हितों की चर्चा गई है।’

‘विरोधी बताएं, प्रताड़ित लोग कहां जाएंगे’
विपक्ष पर हमला बोलते हुए अमित शाह ने कहा, ‘इस बिल का विरोध करने वाले लोग ये बताएं ये लाखों-करोड़ों प्रताड़ित लोग कहां जाएंगे, उन्हें जीने का अधिकार है या नहीं।’ शाह ने दो टूक कहा कि इस बिल के बारे में भ्रांति फैलाई जा रही है। उन्होंने कहा, ‘लोग कर रहे हैं कि बिल मुसलमानों के खिलाफ है। इस देश के मुसलमानों के लिए चिंता की कोई बात नहीं है। वे नागरिक थे, हैं और रहेंगे।’

Source: National

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