बिना फायर NOC चल रहे अस्पताल, होटल और बैंक्वेट हॉल

Bवरिष्ठ संवाददाता, गाजियाबाद

जिले में Bबिना फायर एनओसी अस्पताल, होटल और बैंक्वेट हॉल भी चल रहे हैं। करीब एक महीने पहले निरीक्षण के साथ-साथ सभी को नोटिस दिया गया था, लेकिन नोटिस देने के बाद फायर डिपार्टमेंट इसे चेक करना भूल गया। यहां फायर सेफ्टी के उपकरण भी नहीं है। यदि इन प्रतिष्ठानों में कोई हादसा होता है तो कई जिंदगियां दांव पर लग जाएंगी। अधिकारी केवल कागजी करवाई करके चुप्पी साध लेते हैं, लेकिन जब पूरे देश में कोई हादसा होता है तो सभी नींद से उठते हैं और फिर कागजी कार्रवाई का सिलसिला शुरू हो जाता है। आरडीसी में कई होटल और रेस्टोरेंट हैं, जहां फायर एनओसी नहीं है।

Bबिना एनओसी के 65 अस्पताल

Bफायर डिपार्टमेंट के निरीक्षण के दौरान पता चला कि जिले में 65 अस्पतालों के पास फायर एनओसी नहीं है। इनके पास फायर सेफ्टी के उपयुक्त उपकरण भी नहीं हैं। नोटिस देने के बाद भी अभी तक इनमें कोई सुधार नहीं किया गया है।

B70 से अधिक होटल के पास नहीं एनओसी

Bशहर में 70 से अधिक होटलों के पास फायर एनओसी नहीं है। कुछ में तो अग्निशामक यंत्र भी नहीं लगे हैं। जांच में जहां अग्निशामक यंत्र मिले, वो एक्सपायर हो चुके थे। इन होटलों में बड़ी संख्या में लोगों का आना जाना होता है। बजारिया एरिया में बड़ी संख्या में होटल बने हैं, लेकिन बिना एनओसी के चल रहे हैं। कार्रवाई के लिए कोई अधिकारी भी नहीं जाता है।

B40 से अधिक बैंक्वेट हॉल असुरक्षित

Bजिले में 40 से अधिक बैंक्वेट हॉल असुरक्षित चल रहे है। जांच में यहां पर फायर सेफ्टी उपकरण नहीं मिले। सभी को तत्काल फायर सेफ्टी उपकरण लगवाने का निर्देश दिया गया, लेकिन अभी तक यहां पर फायर सेफ्टी उपकरण नहीं लगा है।

Bबिना फायर एनओसी कैसे पास हुआ नक्शा

Bपार्षद राजेंद्र त्यागी सवाल उठाते हैं कि यदि होटल, अस्पताल और बैंक्वेट हॉल के पास फायर एनओसी नहीं है तो जीडीए ने कैसे नक्शा पास कर दिया है। यदि नक्शा नहीं पास है तो इतनी बड़ी संख्या में अवैध निर्माण जिले में कैसे चल रहे हैं। अधिकारी हजारों जिंदगियां कुछ पैसे के चलते दांव पर लगा देते हैं। इस पूरे मामले की जांच होनी चाहिए। जिन्होंने फायर एनओसी नहीं लिया है, उन पर तत्काल कार्रवाई होनी चाहिए।

कोट

जिले में बिना फायर एनओसी के अस्पताल, बैंक्वेट हॉल और होटल चल रहे हैं। पिछले दिनों हुए निरीक्षण के बाद सभी को नोटिस दिया गया है। जिला प्रशासन की तरफ से कमिटी गठित की गई है। जल्द ही जांच की जाएगी। नोटिस के बाद भी सुधार नहीं हुआ होगा तो नियमानुसार कार्रवाई की जाएगी। B- सुनील कुमार सिंह, चीफ फायर ऑफिसरB

Source: International

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