RISAT: देश की सरहदों पर यूं रखेगा नजर

हैदराबाद
इंडियन स्पेस रीसर्च ऑर्गनाइजेशन (इसरो) ने पीएसएलवी के 50वें मिशन से को श्रीहरिकोटा के सतीश धवन स्पेस सेंटर के फर्स्ट लॉन्च पैड से लॉन्च कर दिया। कुछ दिन पहले ही इसरो ने धरती की निगरानी और मैपिंग के लिए सैटलाइट कार्टोसैट-3 PSLV c47 से लॉन्च किया था जो चंद्रयान-2 के बाद बड़ा लॉन्च था।

RISAT का क्या होगा काम
पीएसएलवी-सी48 से लॉन्च किया गया RISAT-2BR1 एक रडार इमेजिंग ऑब्जर्वेशन सैटलाइट है जो धरती की तस्वीरें लेगी। इसका वजन 628 किलो है। इसे 37 डिग्री के ऐंगल पर 576 किमी के ऑर्बिट में प्रक्षेपित किया जाने का लक्ष्य है। इस सैटलाइट का काम देश की सीमाओं की और पैनी निगरानी करना होगा। कुछ दिन पहले लॉन्च हुए कार्टोसैट-3 के साथ RISAT-2Br1 से भी सेना को मदद मिलेगी।

इसरो ने बताया है कि इसके अलावा आपदा प्रबंधन, खेती और जंगलों पर भी ध्यान देगा। इस सैटलाइट में लगे कैमरे का इमेज रेजॉलूशन 0.35 मीटर है। इसमें एक एक्स-बैंड सिंथटिक अपर्चर रडार है जिसमें 3.6 मीटर रेडियल रिब रिफ्लेक्टर का ऐंटेना है।

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पीएसएलवी-सी48 क्यों है अहम
RISAT-2BR1 के अलावा पीएसएलवी-सी48 इजरायल, इटली, जापान और अमेरिका की 9 कस्टमर सैटलाइट भी लेकर गया है। ये सभी इंटरनैशनल कस्टमर सैटलाइट्स न्यू स्पेस इंडिया लिमिटेड के साथ हुए कमर्शल समझौते के तहत लॉन्च की गई हैं। बता दें कि पीएसएलवी-सी48 पीएसलवी के क्यूएल कन्फिगरेशन की दूसरी, सतीश धवन स्पेस सेंटर से 75वीं और फर्स्ट लॉन्च पैड से 37वीं फ्लाइट है।

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पहले लॉन्च किए गए कार्टोसैट-3 में दुनिया का सबसे ताकतवर कैमरा लगा है। इसकी मदद से 509 किलोमीटर की ऊंचाई से बेहद साफ तस्वीरें ली जा सकेंगी। इतनी ऊंचाई से यह जमीन पर ऐसी दो चीजों में फर्क कर सकता है जिनके बीच की दूरी 25 सेंटिमीटर हो। यही नहीं बेहतर ग्राउंड रेजॉलूशन होने के कारण जमीन से एक फुट ऊंची चीज को भी यह आसानी से पहचान सकता है।

Source: National

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