CAB पर राष्ट्रपति ने किए हस्ताक्षर, बना कानून

नई दिल्ली
नागरिकता संशोधन बिल के खिलाफ नॉर्थ-ईस्ट खासकर असम में जारी हिंसक विरोध प्रदर्शनों, आगजनी, कर्फ्यू लगने, इंटरनेट बंद होने के बीच राष्ट्रपति ने बिल को अपनी मंजूरी दे दी है। गुरुवार देर रात राष्ट्रपति ने बिल पर दस्तखत कर दिए, जिसके बाद यह कानून का रूप ले लिया है। दूसरी तरफ, असम में गुरुवार को 2 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई।

समाचार एजेंसी एएनआई के अनुसार राष्ट्रपति कोविंद ने बिल पर हस्ताक्षर कर दिया है। अब इसके बाद नागरिकता कानून, 1955 में संबंधित संशोधन हो गया। इससे तीन पड़ोसी इस्लामी देशों- पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश से धार्मिक प्रताड़ना का शिकार होकर भारत की शरण में आए गैर-मुस्लिम धर्मावलंबियों को आसानी से नागरिकता मिल सकेगी।

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एक आधिकारिक अधिसूचना के अनुसार गुरुवार को आधिकारिक राजपत्र में प्रकाशित होने के साथ ही यह कानून लागू हो गया है। इस कानून के अनुसार हिंदू, सिख, बौद्ध, जैन, पारसी और ईसाई समुदायों के जो सदस्य 31 दिसंबर 2014 तक पाकिस्तान, बांग्लादेश और अफगानिस्तान से भारत आए हैं और जिन्हें उनके देश में धार्मिक उत्पीड़न का सामना पड़ा है, उन्हें गैरकानूनी प्रवासी नहीं माना जाएगा, बल्कि भारतीय नागरिकता दी जाएगी। नागरिकता (संशोधन) विधेयक बुधवार को राज्यसभा द्वारा और सोमवार को लोकसभा द्वारा पारित किया गया था।

इस बीच नागरिकता संशोधन बिल पास होने के बाद उत्तर-पूर्वी राज्यों में स्थिति तनावपूर्ण है। गुवाहाटी में 2 प्रदर्शनकारियों की मौत हो गई है। अडिशनल चीफ सेक्रेटरी कुमार संजय मिश्रा ने बताया कि 10 जिलों (लखीमपुर, तिनसुकिया, धेमाजी, डिब्रूगढ़, कारेडियो, सिवसागर, जोरहाट, गोलाहाट, कामरुप) में मोबाइल सर्विस बंद करने की समय सीमा 48 घंटे और बढ़ा दी है। वहीं दूसरी तरफ केंद्रीय गृहमंत्री
ने अपनी सहयोगी पार्टी आईपीएफटी को भरोसा दिलाया कि मोदी सरकार नागरिकता संशोधन विधेयक को लेकर उनकी चिंताओं का ख्याल रखेगी।

Source: National

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