कोहरे में भी 75 की रफ्तार से चलेंगी ट्रेनें, नार्थ सेंट्रल रेलवे जोन में लगेंगी फॉग सेफ्टी डिवाइस

प्रयागराज
कड़ाके की ठंड के दौरान पड़ने वाले कोहरे से इस बार ट्रेनों की रफ्तार नहीं थमेगी। कोहरे में ट्रेनों को लेटलतीफी से रोकने और दुर्घटनाओं से बचाने के लिए नार्थ सेंट्रल रेलवे ने इस बार (एफएसडी) के प्रयोग की तैयारी कर ली है। ये एफएसडी नार्थ सेंट्रल रेलवे (एनसीआर) के तीनों मंडलों इलाहाबाद, आगरा और झांसी में ट्रेन चालकों को दिए जाएंगे।

जीपीएस आधारित इस डिवाइस की मदद से चालकों को सिग्नल की जानकारी करीब 500 मीटर पहले ही मिल जाएगी। इससे ट्रेनों की रफ्तार नहीं थमेगी और घने कोहरे में भी ट्रेनें 75 किलोमीटर प्रति घंटे की रफ्तार से दौड़ सकेंगी। यह डिवाइस के पास होगी जो उसे यात्रा शुरू करने से पहले मिल जाएगी। एनसीआर के सीपीआरओ अजीत कुमार सिंह ने बताया कि, तीनों मंडलों के सभी लोको पायलट इस डिवाइस से लैस होंगे।

इसमें सभी जोन का मैप होगा
ड्यूटी रजिस्टर साइन करते ही लोको पायलट को यह डिवाइस मिल जाएगी। लैपटॉप की तरह दिखने वाली इस डिवाइस में एक सॉफ्टवेयर इंस्टॉल किया गया है। जिसकी मदद से इलाके की सटीक जानकारी लोको पायलट को मिल सकेगी। सिर्फ एनसीआर ही नहीं बल्कि सभी जोन को इस सॉफ्टवेयर में मैप के जरिए निर्देशित किया गया है। लोको पायलट इसे हासिल करने के बाद इसमें यात्रा शुरू करने और समाप्ति के स्टेशनों की जानकारी फीड करेगा और इसके बाद यह काम करना शुरू कर देगा।

सायरन के जरिए मिलेगी सिग्‍नल की जानकारी
डिवाइस में ट्रेन के रास्ते में पड़ने वाले सभी सिग्‍नल, खंभे और पुलिया की जानकारी भी होगी। कोहरे के कारण होने वाली कम विजिबिलिटी के बावजूद एफएसडी लोको पायलट को इसकी जानकारी एक सायरन के माध्यम से देगा। जिससे लोको पायलट सावधान हो जाएगा और सिग्‍नल के अनुसार ट्रेन को चलाएगा। डिवाइस का ऑटोमेटिक सिगनलिंग रिपीटिंग प्लान डिवाइस में मौजूद कोऑर्डिनेट्स के अनुसार स्पीकर के माध्यम से यह जानकारी देने में सक्षम होगा। गौरतलब हो कि कोहरे के कारण इस रूट पर ट्रेनों की रफ्तार 50 किलोमीटर से भी कम हो जाती है। कई बार तो ट्रेनों को कैंसल भी करना पड़ता है।

Source: International

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