सूत्रों ने कहा कि इस मीटिंग में गृह मंत्री और पार्टी अध्यक्ष अमित शाह, संगठन महामंत्री बीएल संतोष भी मौजूद रहेंगे। इस मीटिंग के जरिए पीएम पता करना चाहते हैं कि उनकी प्राथमिकता वाली योजनाओं का किस मंत्रालय में क्या हाल है? कमजोर प्रदर्शन करने वाले मंत्रालयों के मंत्री हटाए जा सकते हैं। इसके अलावा एक साथ कई बड़े मंत्रालय चला रहे मंत्रियों से कुछ विभाग लेकर नए चेहरों को मौका दिया जा सकता है।
बता दें कि 30 मई 2019 को शपथ लेने के छह महीने बाद भी मोदी कैबिनेट का विस्तार नहीं हुआ है, जबकि 2014 में मई में सरकार बनने के छह महीने में ही 9 नवंबर को प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने अपना पहला कैबिनेट विस्तार किया था। प्रधानमंत्री नरेंद्र मोदी ने इस साल 30 मई को 57 मंत्रियों के साथ शपथ ली थी। नियमों के मुताबिक लोकसभा की कुल सदस्य संख्या का 15 प्रतिशत यानी अधिकतम 81 मंत्री बनाए जा सकते हैं। पिछली सरकार में मोदी सरकार में 70 मंत्री थे।
Source: National