भोपाल, 15 दिसंबर (भाषा) मध्य प्रदेश के भोपाल स्थित सरकारी सांची दुग्ध संघ के प्लांट में इसके कलेक्शन केन्द्रों से लाये जा रहे टैंकर से मिलावटखोरों द्वारा असली दूध निकालकर उसमें सिंथेटिक दूध मिलाने के मामले में पुलिस ने टैंकर चालक सहित तीन लोगों को रंगे हाथों गिरफ्तार किया है । भोपाल अपराध शाखा के अतिरिक्त पुलिस अधीक्षक निश्चल झरिया ने रविवार को बताया कि हमने सांची दुग्ध संघ के एक टैंकर में से असली दूध निकालकर सिंथेटिक दूध मिलाते हुए शनिवार रात करीब 9 बजे रायसेन-भोपाल रोड़ पर जंगल में बने एक ढाबे पर तीन लोगों को रंगे हाथों पकड़ा है। इनमें सांची दुग्ध का टैंकर चालक, ढाबे का मालिक एवं पंचर दुकानदार शामिल हैं। उन्होंने कहा कि इस संबंध में मामला दर्ज कर इन तीनों को पुलिस ने हिरासत में लिया है और उनसे पूछताछ जारी है। झारिया ने बताया कि यह दूध का टैंकर बैतूल जिले के मुल्ताई से भोपाल स्थित सरकारी सांची दुग्ध संघ के प्लांट में लाया जा रहा था। उन्होंने कहा कि पुलिस ने मौके पर इन आरोपियों से करीब 36 केन सिंथेटिक दूध भी बरामद किया है, जो करीब 20,000 लीटर के आसपास है। झारिया ने बताया कि हालांकि, कुछ आरोपी मौके से फरार होने में सफल हुए हैं और उनकी तलाश जारी है। उन्होंने कहा कि मुखबिर के अनुसार इस टैंकर में सिंथेटिक दूध मिलाने से पहले एक अन्य सांची के टैंकर में से भी ये मिलावटखोर असली दूध निकालकर सिंथेटिक दूध मिला कर टैंकर को रवाना कर चुके थे, जबकि एक अन्य टैंकर में भी यह ऐसा ही काम करने वाले थे। मिलावटखोरों के इस कारनामे को अंजाम देने के तरीके के बारे में बताते हुए झारिया ने बताया कि हालांकि, सांची के दूध के टैंकरों में ग्लोबल पोजिशनिंग सिस्टम (जीपीएस) लगा होता है। लेकिन, ये शातिर मिलावटखोर टैंकर चालक के साथ साठगांठ कर इस जीपीएस को उखाड़कर एक पंचर की दुकान पर रख देते थे और टैंकर को थोड़ी दूरी पर ले जाकर जंगल में बने ढाबे पर इससे असली दूध निकालकर सिंथेटिक दूध मिला देते थे और फिर पंचर की दुकान में आकर इस टैंकर में डबल टेप से इस जीपीएस को तुरंत चिपका देते थे। उन्होंने कहा कि ये मिलावटखोर इसलिए जीपीएस को निकालकर पंचर की दुकान में रखते थे, ताकि दुग्ध संघ को लगे की टैंकर पंचर की दुकान पर पंचर लगाने के लिए खड़ी है और दुग्ध संघ को उन पर कोई शक न हो। उन्होंने कहा कि ये मिलावाटखोर इन टैंकरों को भोपाल जिले में प्रवेश करने से पहले एकांत जगह पर ले जाते थे और मिलावटखोरी का धंधा करते थे। झारिया ने बताया कि इस मिलावटखोर के धंधे में जो भी शामिल होगा, उसे बख्शा नहीं जाएगा।
Source: Madhyapradesh