में फर्जीवाड़ा रोकने के लिए अब अभ्यर्थियों का दो बार होगा। इसके साथ ही वेरिफिकेशन करने और कराने वाले, दोनों की कड़ी निगरानी होगी। बनारस में सिपाही भर्ती प्रक्रिया में तकनीक और बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन करने वाली कंपनी टीसीएस के कर्मचारियों की मदद से फर्जीवाड़ा सामने आने के बाद पुलिस भर्ती बोर्ड की ओर से निर्देश जारी किए गए हैं।
कहा गया है कि अभ्यर्थियों के मेडिकल टेस्ट और नियुक्ति पत्र देने के दौरान भी बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन कराया जाए। एक-एक अभ्यर्थी का सत्यापन इस तरह किया जाए कि धांधली की गुंजाइश न बचे। भर्ती बोर्ड के निर्देश पर पुलिस लाइन में अब सिपाही भर्ती के शेष अभ्यर्थियों का कड़ी निगरानी में बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन किया जा रहा है। टीसीएस कंपनी के कर्मचारियों की गतिविधियों पर खास तौर पर नजर रखी जा रही है। अभ्यर्थी भी किसके संपर्क में रहते हैं और कहां आते-जाते हैं, इसकी भी निगरानी की जा रही है।
पुलिस प्रशासन ने वेरिफिकेशन करने वाली कंपनी टीसीएस को अपना साफ्टवेयर अपग्रेड करने को कहा है। ताकि कोई बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन में छेड़छाड़ न करने पाए। इस बीच फर्जीवाड़ा में पकड़े गए अभ्यर्थी आजमगढ़ के विवेक ने पूछताछ में बताया कि वह जिस अंगूठे के क्लोन की झिल्ली लगाकर बायोमीट्रिक वेरिफिकेशन के लिए आया था, वह उसे पांडेयपुर इलाके में साल्वर गैंग के सदस्य ने दी थी। साल्वर गैंग के सदस्य ने खुद को बिहार का निवासी बताया था।
विवेक के मोबाइल फोन की कॉल डिटेल से बिहार के अलावा नई दिल्ली और पश्चिमी उत्तर प्रदेश के कुछ जिलों में रहने वालों से बातचीत होना पता चला है। सभी के बारे में जानकारी जुटाई जा रही है। इस काम में पुलिस की तीन टीमों को लगाया गया है।
Source: International