नई लीग बनी वजहइसी साल रेसलिंग फेडरेशन ने एक नई लीग की घोषणा की थी, जिसे जी दंगल नाम दिया गया था। सूत्रों की मानें तो प्रमोटर ने इसका विरोध किया और मामला कोर्ट में पहुंच गया। कोर्ट ने करार का हवाला देते हुए फेडरेशन को नई लीग कराने से रोक दिया जिसके बाद दोनों में मनमुटाव बढ़ गया। इस बारे में डब्ल्यूएफआई के असिस्टेंट सेक्रटरी विनोद तोमर से ने कहा, ‘अगले साल ओलिंपिक होने की वजह से हमने इस साल लीग नहीं कराने का फैसला किया है। हर बार हम प्राय: जनवरी में लीग करवाते रहे हैं लेकिन इस बार कम से कम अगस्त तक संभावना नहीं है। जहां तक दंगल की बात है तो वह हम मार्च में कराने जा रहे हैं।’
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लीग से होती तैयारी
फेडरेशन भले ही ओलिंपिक का बहाना बनाकर लीग आयोजित नहीं करा रही हो लेकिन पहलवान इससे इत्तेफाक नहीं रखते हैं। उनका कहना है कि इससे तैयारी करने में और मदद ही मिलती क्योंकि लीग में दुनिया भर के दिग्गज पहलवान खेलने आते हैं। दूसरी तरफ फेडरेशन का यह तर्क इसलिए भी जायज नहीं लगता क्योंकि एक तरफ वह ओलिंपिक का बहाना बनाकर प्रो रेसलिंग लीग से किनारा कर रही है तो दूसरी तरफ खुद मार्च में दंगल आयोजित करवा रही है।
जनवरी के पहले हफ्ते में ही ट्रायलइस बीच विनोद तोमर ने यह भी बताया कि ओलिंपिक क्वॉलिफाइंग टूर्नमेंट के लिए ट्रायल जनवरी के पहले हफ्ते में इंदिरा गांधी स्टेडियम में आयोजित किया जाएगा। एक बार फिर ट्रायल में दो बार के मेडलिस्ट सुशील कुमार पर नजर रहेगी जो वर्ल्ड चैंपियनशिप में ओलिंपिक कोटा हासिल करने से चूक गए थे।
Source: Sports