बिजनौर कोर्ट में शूटआउट केस में एसपी ने पूरी पुलिस चौकी को सस्पेंड कर दिया। कुल 18 पुलिसवालों पर गाज गिरी है। इस मामले में कई मुकदमे भी दर्ज किए गए हैं। वारदात के वक्त पीएसी वालों के खिलाफ रिपोर्ट उनके कमांडर और दिल्ली पुलिस के सिपाहियों की भूमिका की रिपोर्ट उनके अधिकारियों को भेजी गई है। पुलिस महानिदेशक ने डीआईजी से रिपोर्ट मांगी है। बुधवार को बिजनौर कचहरी में कड़ी सुरक्षा व्यवस्था रखी गई।
बिजनौर के मुख्य न्यायिक मैजिस्ट्रैट (सीजेएम) कोर्ट में मंगलवार को हुए शूटआउट में एसएसपी ने जांच के बाद पुलिस की लापरवाही मानी। एसपी ने पुलिस चौकी के सभी 18 पुलिसवालों दरोगा जयपाल सिंह, महिला सिपाही पुलकित, रूबी, शिल्पा, सोनिया, महिला सिपाही विपिन, सिपाही सचिन तोमर, कुलदीप कुमार, सोनू कुमार, निशांत कुमार, राजीव कुमार, अनुज कुमार, शरद पवार, वसीम अकरम, रिंकू, अंकुर यादव, सतेंद्र शर्मा, दीपक कुमार को सस्पेंड कर दिया।
दिल्ली पुलिस और पीएसी के जवानों की शिकायत
एसपी बिजनौर ने मौके पर मौजूद पीएसी और बीएसपी नेता के हत्यारोपी शाहनवाज और जब्बार को पेशी पर लाने वाले दिल्ली पुलिस के पुलिसकर्मियों की भी लापरवाही मानी है। दिल्ली के दरोगा हेतराम और पांच पुलिसवाले पेशी पर दोनों को लाए थे। दिल्ली पुलिस के अफसरों को उनके खिलाफ कार्रवाई के लिए रिपोर्ट भेजी गई है। कचहरी में तैनात पीएसी वालों की भूमिका भी लापरवाही वाली मानी गई है। उनके खिलाफ भी रिपोर्ट पीएसी कमांडेट को भेज दी गई है।
कई एफआईआर की गईं दर्ज
बिजनौर शूटआउट मामेल में कोतवाली बिजनौर के पैरोकार (पुलिसकर्मी) विकास कुमार ने बीएसपी नेता के बेटे साहिल और उसके दो साथियों अफराज और सुमित के खिलाफ शाहनवाज की हत्या और सिपाही मनीष और दिल्ली पुलिस के सिपाही संजीव को गोली मारकर घायल करने पर हत्या के प्रयास की एफआईआर दर्ज कराई हैं। बीएसपी नेता के हत्यारोपी जब्बार के खिलाफ भी एक एफआईआर लिखी गई है। जब्बार अपने साथी शाहनवाज की हत्या के बाद कोर्ट से भाग गया था, उसके भागने को पुलिस हिरासत से फरारी माना गया है। इसलिए उसके खिलाफ एफआईआर दर्ज की गई है। कोर्ट में मारे गए शाहनवाज के भाई सुहेल अंसारी ने नगर पालिका चेयरमैन और उसके भाई के खिलाफ हत्या की साजिश रचने की तहरीर दी है। उनके खिलाफ भी एफआईआर लिखी जाएगी।
हमलावरों को महिला ने दिए हथियार, खोज शुरू
पुलिस को जानकारी मिली है कि कोर्ट में शूटआउट को अंजाम देने वाले साहिल और उसके दो साथियों को एक महिला ने हथियार मुहैया कराए थे। मई 2019 में मारे गए बीएसपी नेता अहसान ने दो शादी की थी। साहिल दूसरी पत्नी का बेटा है। पुलिस को जानकारी मिली है कि साहिल और उसके दोनों शूटर साथी सुबह से ही कोर्ट में थे, लेकिन मारे गए शाहनवाज और जब्बार उन्हें पहचानते नहीं थे। तीनों सुबह खाली हाथ कोर्ट पहुंचे थे। जानकरी मिल रही है कि उसके बाद एक महिला थैले में हथियार लाई और साहिल को दे दिए। पुलिस को सूचना मिल रही है कि साहिल ने कई दूसरे लोगों को भी कोर्ट के आसपास खड़ा कर रखा था कि अगर शाहनवाज बचकर भागता है तो उसे बाहर ही मार दिया जाए। बताते हैं कि शूटरों के निशाने पर सिर्फ शाहनवाज ही था। पुलिस को मौके से एक पिस्टल और 15 खोखे बरामद हुए हैं।
हाई कोर्ट ने लिया संज्ञान, विधानसभा में गूंज
पुलिस से मिली जानकारी के मुताबिक, इलाहाबाद हाईकोर्ट ने बिजनौर शूटआउट को गंभीर माना है। स्वतः संज्ञान लेते हुए जस्टिस सुधीर अग्रवाल और जस्टिस सुनीत कुमार की विशेष खंडपीठ ने इस केस की सुनवाई की और यूपी के डीजीपी और प्रमुख सचिव गृह को 20 दिसंबर को तलब किया है। बिजनौर में कोर्ट में हुई हत्या को लेकर विधानसभा और विधान परिषद में कांग्रेस के विधायक और एमएलसी ने काली पट्टी बांधकर प्रदर्शन किया। समाजवादी पार्टी के नेता प्रतिपक्ष ने बिजनौर की घटना को उठाया और विपक्ष ने हंगामा किया।
यह है पूरा मामला
बीएसपी के नजीबाबाद के विधानसभा क्षेत्र प्रभारी अहसान और उनके भांजे शादाब की 28 मई 2019 को उनके कार्यालय में हत्या कर दी थी। हत्यारोपियों में से दो शातिर अपराधी शाहनवाज अंसारी और जब्बार की मंगलवार को बिजनौर कोर्ट में पेशी थी। दिल्ली पुलिस के दरोगा हेतराम सिंह और पांच सिपाही तिहाड़ जेल से दोनों को पेशी पर बिजनौर लाए थे। सीजेएम योगेश कुमार सुनवाई कर रहे थे। तभी तीन हमलावरों ने कोर्ट के अंदर शाहनवाज पर गोलियां बरसाकर उसकी हत्या कर दी। कोर्ट मोहर्रिर मनीष और दिल्ली पुलिस का सिपाही संजीव घायल हो गए। इस दौरान हत्यारोपी जब्बार फरार हो गया था।
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