नागरिकता कानून को लेकर बवाल पर बॉलिवुड की चुप्पी से भड़कीं कंगना रनौत, कहा-ऐक्टरों को शर्म आनी चाहिए

कंगना रनौत बॉलिवुड की उन बिंदास ऐक्ट्रेसेस में से एक हैं, जो हर मुद्दे पर बेबाक राय रखती हैं और बोलने से कभी भी नहीं हिचकिचातीं। चाहे मुद्दा राजनीति का हो या फिर बॉलिवुड में नेपोटिजम का, कंगना कभी भी अपने विचार रखने से घबराई नहीं। हाल ही में उन्होंने नागरिकता संशोधित कानून को लेकर देशभर में चल रहे हिंसक प्रदर्शन पर भी अपनी राय रखी और उस पर बॉलिवुड की चुप्पी को लेकर भी गुस्सा दिखाया।

कंगना इन दिनों हैदराबाद में हैं जहां वह अपनी आने वाली फिल्म ‘थलाइवी’ की शूटिंग कर रही हैं। ईटाइम्स से एक्सक्लूसिव बातचीत में कंगना ने कहा, ‘ऐक्टरों को खुद पर शर्म आनी चाहिए। मुझे इस बात पर कोई शक नहीं है कि बॉलिवुड डरपोक लोगों से भरा हुआ है। वे सिर्फ एक ही काम करते हैं..बस दिन में 20 बार शीशा देखते हैं और जब उनसे कुछ पूछा जाता है तो कहते हैं कि हमारे पास बिजली है और हमारे पास जरूरत की हर चीज मौजूद है। हम विशेषाधिकार वाले हैं तो फिर भला हमें देश के बारे में चिंता करने की क्या जरूरत है?’

उन्होंने आगे कहा, ‘कुछ आर्टिस्ट तो इस बात का बखान करते हैं कि हम कलाकार हैं और हमें देश की इतनी चिंता नहीं करनी चाहिए। बल्कि उन्हें ही सबसे पहले खींचा जाना चाहिए और सवाल किए जाने चाहिए। इसीलिए मैं अब उन पर सवाल उठाने के लिए सामने आई हूं। कुछ लोग बस अपने कम्फर्ट जोन में छिपे हुए हैं और सोच रहे हैं कि वे देश से ऊपर हैं, जनता से ऊपर हैं। बल्कि वे हर चीज से ऊपर हैं। लेकिन वे भी फिलहाल शॉक मे हैं क्योंकि लोगों को दिख रहा है कि कैसे बॉलिवुड को देश और उसके नागरिकों से कोई फर्क नहीं पड़ता। देश में क्या हो रहा है, उससे उन्हें कोई फर्क नहीं पड़ता। इसलिए मुझे लगता है कि #ShameonBollywood सोशल मीडिया ट्रेंड एकदम न्यायसंगत है।

बॉलिवुड को अकसर सॉफ्ट टारगेट मान लिया जाता है। अगर वे कुछ भी बोलते हैं तो उन्हें टारगेट पर ले लिया जाता है और अगर नहीं बोलते हैं तो कायर समझ लिया जाता है। इसे लेकर जब कंगना से पूछा गया तो उन्होंने कहा, ‘नहीं, मुझे ऐसा नहीं लगता क्योंकि यह प्लैटफॉर्म उन्हें उनके विचारों को आवाज देने के लिए दिया गया है ताकि वे सिर्फ इंस्टाग्राम पर पोस्ट न करें बल्कि लोगों के लिए अग्रणी आवाज बन सकें। ये लोग किस कदर डरपोक हैं? उन्हें इस देश के लोगों ने बनाया है, उन्हीं के कल्याण के लिए बनाया गया है। अगर वे अपनी आवाज नहीं उठा सकते और इसी वजह से डरकर इधर-उधर भागते हैं कहीं उन्हें ट्रोल कर दिया गया तो? कहीं राजनीतिक पार्टियों ने उन्हें टारगेट पर ले लिया तो? मुझे लगता है कि फिर वे इन प्लैटफॉर्म के लायक नहीं हैं।’

कंगना ने आगे कहा, ‘ऐक्टरों को जवाबदेह होने की जरूरत है। उन्हें अपनी पोजिशन को सही ठहराने की जरूरत है। क्या यह पावर उन्हें सिर्फ इंस्टाग्राम पोस्ट और ड्रग पार्टी करने के लिए दी गई है? लोगों ने उन्हें क्या और क्यों दिया, इसके लिए उन्हें घसीटने की जरूरत है। वे अत्याचारी फिल्में बनाते हैं, वे ऐसी फिल्में बनाते हैं जिनसे हम सभी शर्मिंदा होते हैं और वे वास्तविक सिनेमा को भी मारने की कोशिश करते हैं। इसके अलावा, जब बात औसत दर्जे का काम प्रचार करने की बात आती है तो ये बहुत पावरफुल हैं। तो अब उनसे पूछा जाना चाहिए। वे कोई सॉफ्ट टारगेट नहीं हैं बल्कि उन्होंने देश को ही सॉफ्ट टारगेट बना लिया है।’

बता दें कि देशभर में नागरिकता संशोधन कानून को लेकर जमकर विरोध-प्रदर्शन चल रहे हैं। जामिया मिल्लिया इस्लामिया और अलीगढ़ मुस्लिम यूनिवर्सिटी से शुरू हुआ विरोध दिल्ली के सीलमपुर इलाके तक फैल गया। वहीं इस कानून के विरोध में जगह-जगह अराजक तत्व इंटरनेट के माध्यम से सोशल मीडिया पर अफवाएं फैला रहे हैं जिसकी वजह से आजमगढ़ में इंटरनेट पर बैन लगा दिया गया है।

Source: Entertainment

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