अध्यक्ष ने प्रदेश के मंत्री तोमर को दी सदन में संयमित व्यवहार की चेतावनी

भोपाल, 18 दिसंबर :भाषा: मध्यप्रदेश विधानसभा के अध्यक्ष नर्मदा प्रसाद प्रजापति ने सदन की मर्यादा तोड़ने पर प्रदेश के खाद्य मंत्री प्रद्युम सिंह तोमर को कड़ी फटकार लगाते हुए भविष्य में सदन में संयमित व्यवहार करने की चेतावनी दी। सदन में प्रश्नकाल के दौरान अध्यक्ष प्रजापति ने तोमर को फटकार लगाते हुए कहा कि इस तरह की भाषा और लहजे को सदन में सहन नहीं किया जायेगा। अध्यक्ष ने संसदीय कार्यमंत्री गोविन्द सिंह को भी मंत्रियों को सदन में संयमित व्यवहार करने की नसीहत देने और इसे दोबारा नहीं दोहराने की चेतावनी दी। सदन के संचालन के दौरान प्रजापति ने तोमर से कहा,‘‘ जब मैं यहां खड़ा था तो आप क्यों उठे और सदन में मर्यादा के खिलाफ भाषा और लहजे में बात क्यों की। आप यह हमेशा ध्यान रखें कि आप किसी आमसभा में नहीं बल्कि एक मर्यादित सदन में बात कर रहे हैं।’’ पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान द्वारा मेधावी छात्रों के लिये बनाई गई छात्रवृत्ति योजना पर किये गये सवाल पर बहस के दौरान मंत्री तोमर के बेवजह बहस के बीच में कूदने से यह स्थिति बनी। चौहान ने कहा कि भाजपा शासन काल में शुरु की गई मेधावी विद्यार्थी छात्रवृत्ति योजना प्रदेश सरकार समाप्त करने की ओर बढ़ रही है और उनके आवास पर गरीब छात्र शिकायतें लेकर आ रहे हैं कि उन्हें योजना में शामिल नहीं किया जा रहा है। इस पर, मुख्यमंत्री कमलनाथ ने कहा है कि राज्य सरकार की मेधावी छात्रवृत्ति योजना का लाभ सभी पात्र विद्यार्थियों को दिया जाएगा। इस योजना को बंद करने की जो भी शंका व्यक्त की जा रही है, वह निराधार है। यह योजना जारी रहेगी। वित्तीय संकट होने के बावजूद हम हर हाल में मेधावी छात्रवृत्ति योजना में कोई कटौती नहीं करेंगे। इसके बाद सदन में इस मुद्दे पर पक्ष विपक्ष के बीच आरोप-प्रत्यारोप होने लगे और हंगामा बढ़ता देख अध्यक्ष ने सभी सदस्यों के कथन कार्यवाही से विलोपित करने के आदेश दिये। इससे पहले सुबह विधानसभा की कार्यवाही शुरु होने के पहले प्रदेश में किसानों की परेशानी के मुद्दों पर सरकार का ध्यान आकर्षित करने के लिये पूर्व मुख्यमंत्री शिवराज सिंह चौहान और नेता प्रतिपक्ष गोपाल भार्गव के नेतृत्व में भाजपा विधायकों ने पीले रंग का चोला पहन कर बिरला मंदिर से विधानसभा तक लगभग 300 मीटर दूर तक पैदल मार्च किया। उनके चोले पर किसानों को यूरिया नहीं मिलने और विधानसभा चुनाव में कांग्रेस द्वारा किये गये वादे के अनुसार किसानों को दो लाख रुपये तक कृषि ऋण माफ नहीं किये जाने के मुद्दे लिखे हुए थे।

Source: Madhyapradesh

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