ने गुरुवार को कहा कि विश्व के बारे में जानने को उत्सुक है और इसलिए यह भारत की जिम्मेदारी बनती है कि वह दुनिया को महात्मा और उनके नजरिए की स्थायी प्रासंगिकता की याद दिलाता रहे। उन्होंने राष्ट्रपति भवन में आयोजित एक बैठक में यह टिप्पणी की। बैठक में , पुर्तगाली प्रधानमंत्री एंटोनियो कोस्टा, पूर्व प्रधानमंत्री मनमोहन सिंह, बीजेपी के वरिष्ठ नेता लालकृष्ण आडवाणी और कुछ केंद्रीय मंत्रियों ने भाग लिया।
एक आधिकारिक बयान के अनुसार प्रधानमंत्री ने कहा, ‘दुनिया आज गांधी को जानने के लिए उत्सुक है और उन्हें स्वीकार करने को तैयार है। इसलिए, यह भारत की जिम्मेदारी बनती है कि वह महात्मा और उनके नजरिए की स्थायी प्रासंगिकता की याद दुनिया को दिलाता रहे।’ मोदी ने कहा कि सभी नागरिकों को अपने जीवन में गांधीवादी विचार और उनके दृष्टिकोण को आत्मसात करने की जरूरत है।
इस दौरान राष्ट्रपति रामनाथ कोविंद ने कहा कि गांधीवादी दृष्टिकोण के बिना मानव समकालीन चुनौतियों का सामना करने में कामयाबी हासिल नहीं कर सकता है। राष्ट्रपति ने महात्मा गांधी की 150 वीं जयंती की स्मृति के लिए राष्ट्रीय समिति की दूसरी बैठक की अध्यक्षता करते हुए कहा कि गांधीजी के लिए पूरी दुनिया में आज इतना आदर इसलिए है, क्योंकि शांति,अहिंसा और समानता पर आधारित उनकी नीति पहले से भी अधिक प्रासंगिक हो गई है।
Source: National