इलाहाबाद यूनिवर्सिटी वीसी के इस्तीफे पर छात्रनेताओं में खुशी की लहर, कैंपस में खेली गई होली

प्रयागराज
इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के कुलपति प्रफेसर रतन लाल हांगलू के इस्तीफे के बाद लंबे समय से उन्हें पद से हटाए जाने की मांग कर रहे छात्र नेताओं में खुशी लहर दौड़ गई है। छात्रनेताओं और पूर्व छात्रसंघ पदाधिकारियों ने वीसी के इस्तीफा देने को अपने संघर्षों की जीत बताया है। गुरुवार को छात्र नेताओं ने यूनियन भवन पर ढोल-नगाड़े के साथ होली खेली। छात्रों ने पूरे कैंपस में नारेबाजी करते हुए जुलूस भी निकाला। छात्रों के प्रदर्शन को देखते हुए कैंपस की सुरक्षा बढ़ा दी गई है।

गौरतलब है कि कुलपति प्रो. रतन लाल हांगलू का कार्यकाल विवादों में घिरा रहा। शैक्षिक और गैर शैक्षिक पदों पर की गई नियुक्तियों में जहां उन भ्रष्टाचार के गंभीर आरोप लगे, वहीं केंद्रीय मानव संसाधन मंत्रालय की टीम भी दो बार जांच के लिए यूनिवर्सिटी पहुंची। इसके साथ ही एक महिला से वीसी की अश्लील बातचीत का ऑडियो वायरल होने का भी मामला सुर्खियों में रहा। इसकी जांच हाई कोर्ट के रिटायर्ड जज अरुण टंडन से कराई गई थी। हालांकि, इस मामले में उन्हें क्लीन चिट मिल गई। इसके साथ ही वीसी ने 123 साल पुराने छात्रसंघ को समाप्त कर छात्र परिषद का गठन किया जिसे लेकर लंबा आंदोलन चला। विरोध के चलते ही छात्र परिषद का गठन नहीं हो सका।

राज्‍यसभा में उठा महिला छात्रावास का मुद्दा
महिला छात्रावास में छात्राओं की सुरक्षा से जुड़ा मुद्दा तो पूर्व छात्रसंघ अध्यक्ष ऋचा सिंह की पहल पर एसपी सांसद जया बच्चन ने राज्यसभा में भी उठाया। इसके बाद राष्ट्रीय महिला आयोग की टीम को भी जांच के लिए आना पड़ा। राष्ट्रीय महिला आयोग के सख्त रुख और आयोग के तलब करने पर पर वीसी प्रो. रतन लाल हांगलू अपनी विदेश यात्रा को बीच में ही छोड़ आयोग में पेश हुए। इसे लेकर प्रो. रतन लाल हांगलू काफी दबाव में थे।

शिक्षक करेंगे कार्य बहिष्‍कार
इस बीच यूनिवर्सिटी के जनसंपर्क अधिकारी डॉ चितरंजन ने वीसी के इस्तीफे पर कहा है कि पिछले काफी दिनों से यूनिवर्सिटी पर बाहरी दबाव था। कुछ बाहरी ताकतें लगातार विश्वविद्यालय के फैसलों को प्रभावित कर रही थीं जिससे विश्वविद्यालय का माहौल खराब हो रहा था और शिक्षक दबाव में थे। वीसी के इस्तीफे से टीचिंग और नॉन टीचिंग स्टाफ काफी आहत हैं। इसके लिए सभी मिलकर राष्ट्रपति और मानव संसाधन विकास मंत्रालय से उनका इस्तीफा नामंजूर करते हुए उन्हें दोबारा नियुक्त करने की मांग करेंगे। डॉ चितरंजन ने यह भी दावा किया है कि सभी शिक्षक पेन डाउन कर शैक्षणिक कार्यों का भी बहिष्कार करेंगे।

Source: International

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