हॉकी इंडिया द्वारा जारी बयान के अनुसार उन्होंने कहा, ‘आज मेरे लिए बहुत भावुक दिन है क्योंकि मैंने अंतरराष्ट्रीय हॉकी से संन्यास लेने का फैसला किया है।’ सुनीता ने 2008 से टीम से जुड़ने के बाद 2018 की एशियाई चैम्पियंस ट्रोफी के दौरान भारत की कप्तानी की जिसमें टीम दूसरे स्थान पर रही थी। उन्होंने भारत के लिए 139 मैच खेले और वह 2014 के एशियाई खेलों की ब्रॉन्ज मेडल विजेता टीम का भी हिस्सा रहीं।
उन्होंने कहा, ‘मैं भाग्यशाली रही कि 2016 में रियो ओलिंपिक में खेल सकी जिसमें तीन दशक में पहली बार भारतीय महिला टीम ने शिरकत की। लेकिन घुटने की चोटों ने तोक्यो ओलिंपिक के लिए भारतीय टीम का हिस्सा बनने का मेरा सपना तोड़ दिया।’ सुनीता ने कहा, ‘डाक्टरों ने मुझे कहा कि मुझे इसके लिए आगामी दिनों में एक और सर्जरी करानी होगी। मुझे नहीं पता कि पूरी तरह उबरने में कितना समय लगेगा।’
उन्होंने कहा कि सर्जरी से उबरने के बाद वह घरेलू हॉकी में खेलना जारी रखेंगी। उन्होंने कहा, ‘मेरे उपचार के बाद मैं घरेलू हॉकी खेलूंगी। नाल्को के लिए खेलूंगी जिन्होंने नौकरी देकर मेरे करियर में बहुत मदद की।’ सुनीता ने परिवार के साथ टीम के साथियों, हॉकी इंडिया और मुख्य कोच शोर्ड मारिने का शुक्रिया अदा किया।
भारतीय कप्तान रानी रामपाल ने कहा कि सुनीता लाकड़ा की काफी कमी खलेगी। उन्होंने ट्वीट किया, ‘सुनीता लाकड़ा शानदार करियर के लिए बधाई। मैदान पर और ड्रेसिंग रूम में एक दशक से ज्यादा समय में हमने तुम्हारे साथ जो बेहतरीन पल साझा किए हैं, उनकी कमी निश्चित रूप से खलेगी। जल्द ही आपके उबरने की प्रार्थना करती हूं, भविष्य के लिए शुभकामनाएं।’
Source: Sports