शास्त्री बोले- ऐसे चुनेंगे T20 वर्ल्ड कप की टीम

नई दिल्लीटीम इंडिया के हेड कोच नए सीजन की शुरुआत इस आस के साथ करने जा रहे हैं कि इस साल भारतीय टीम के खाते में एक और वर्ल्ड कप जरूर आएगा। शास्त्री मानते हैं कि इस टीम में माद्दा है और उसे सिर्फ अपनी पिछली गलतियों से सीख लेनी है। मानसिक तौर पर थोड़ा और मजबूत होने की जरूरत है। श्रीलंका के खिलाफ साल की पहली सीरीज में उतरने से पहले शास्त्री ने NBT से एक्सक्लूसिव बातचीत में कहा कि वर्ल्ड कप के लिए अंतिम तौर पर टीम चुनने में आईपीएल का अहम रोल होगा।

धोनी की जरूरत
लोगों को आईपीएल तक इंतजार करना चाहिए। मैं किसी को भी खारिज नहीं करता। अगर कुछ इंजरी होती हैं तो आप आईपीएल को ही देखेंगे कि वहां कौन अच्छा कर रहा है। मुझे पूरा यकीन है कि आईपीएल से एक या दो प्लेयर ऐसे मिल सकते हैं, जिनके बारे में आपने सोचा भी न हो और उन्हें खिलाना पड़ सकता है। उस वक्त की फॉर्म बहुत जरूरी हो जाएगी। क्योंकि आईपीएल के बाद वर्ल्ड कप में तीन-चार महीने ही रह जाएंगे। आईपीएल से हमें अंतिम तौर पर 16-17 खिलाड़ी तय करने में मदद मिलेगी।

2019 का आकलनजिस तरह से टीम ने तीनों फॉर्मेट में कॉन्सिस्टेंसी दिखाई, मेरे हिसाब से भारतीय क्रिकेट के लिए यह सबसे बेहतरीन सालों में से एक रहा। ओल्ड ट्रैफर्ड में ‘उन 15 मिनटों’ में अच्छा करते तो यह और भी बढ़िया साल होता।

2020 की चुनौतियांमैं यही चाहूंगा कि हमारे खिलाड़ी अपनी इंटेंन्सिटी और कॉन्सिसटेंसी जारी रखें जैसा कि 2019 में रहा। मेरी कामना है कि हमारे खिलाड़ियों की ज्यादा इंजरी न हो क्योंकि पिछले साल के आखिरी महीनों में हमें इसका सामना करना पड़ा। सौभाग्य से इसका हमें बहुत ज्यादा नुकसान नहीं हुआ।

प्रभावित करने वाले नए खिलाड़ीपृथ्वी साव ने पिछले साल की अच्छी शुरुआत की थी लेकिन वह फिर चोटिल हो गए। शुभमान गिल भी शानदार खिलाड़ी हैं। बोलर्स में दीपक चाहर ने बहुत अच्छा किया है। हालांकि, उन्हें अपनी फिटनेस पर काम करना होगा। इंजरी से बचकर रहना होगा।

युवाओं के लिए मौकाइंडिया A में शामिल किए गए कई युवाओं के लिए अच्छा मौका होगा। उनके पास न्यू जीलैंड में हमारे पहुंचने से पहले सिलेक्टर्स को प्रभावित करने का मौका है। दीपक चाहर और भुवनेश्वर कुमार चोटिल हैं तो बोलर्स के लिए भी अ‌वसर होगा। ये दोनों कुछ समय के लिए बाहर रहेंगे। सिलेक्टर्स वहां खिलाड़ियों के प्रदर्शन पर जरूर नजर रखेंगे।

स्पिन में कॉम्बिनेशन जरूरीहमारे पिछले मैच को ही देखें जहां कुलदीप यादव खेले जबकि युजवेंद्र चहल इलेवन में नहीं थे। हमने सुंतलन बनाने के लिए रविंद्र जाडेजा को शामिल किया क्योंकि उनकी बैटिंग की भी अहमियत थी। हार्दिक की वापसी पर हम शायद एक साथ दो स्पिनर भी खिला सकें। सब कुछ निर्भर करता है कि बैलेंस, कॉम्बिनेशन और ऑपजिशन पर। यह सबको समझना होगा। हमें इसके लिए लचीला रुख अपनाना होगा।


योयो टेस्ट

इस दौर में आपके लिए बहुत सारे इंसेंटिव्स हैं। इसलिए अपने को फिट रखना बेहद जरूरी है। इसके लिए किसी को खिलाड़ियों के पीछे डंडे लेकर खड़ा रहना जरूरी नहीं। खिलाड़ी इसकी अहमियत खुद समझते हैं।

ड्रेसिंग रूम में कॉमेंट्रीकभी-कभी कॉमेंट्री मिस करता हूं। जब मैच बहुत करीबी होता है या किसी मैच में जब कोई बल्लेबाज शानदार खेल रहा हो। कभी-कभी तो ऐसे मौकों पर मैं ड्रेसिंग रूम में कमेंट्री करने लग जाता हूं।

सौरभ के साथ रिश्ता‘दादा आएंगे तो शास्त्री की नौकरी चली जाएगी।’ इस तरह की बातें मीडिया के लिए भेलपुरी और चाट हैं। सौरभ ने भी बहुत खेल देखा है और मैंने भी बहुत खेल देखा है। हमारा काम परफॉर्म करना है। मैं बहुत खुश हूं कि अब कम से कम बीसीसीआई का वजूद लौट आया है। अब हम उम्मीद कर सकते हैं कि न केवल मैदान पर बल्कि इसके बाहर भी भारत को वह स्थान मिलेगा, जिसका वह हकदार है। सौरभ के पास एक कप्तान और प्रशासक के तौर पर जो अनुभव है इससे वह जरूर ऐसा कर पाएंगे।

जीवन में धर्म का रोलऐसा नहीं है कि मैंने हाल-फिलहाल मंदिर जाना शुरू किया है। मैं वर्षों से ऐसा कर रहा हूं। इससे मुझे मानसिक शांति मिलती है। इससे हमें विनम्र होने और अपने पैर जमीन पर बनाए रखने में मदद मिलती है। मेरी टीम के कई सदस्य और सपोर्ट स्टाफ भी धार्मिक स्थानों पर जाते हैं।

सोशल मीडिया पर मजाकमैं तो पढ़ता ही नहीं हूं, जिनके पास कुछ काम नहीं है तो वह क्या करेंगे? सोशल मीडिया के इस दौर में क्या किया जा सकता है, जब आपकी तस्वीर को फोटोशॉप करके किसी और के साथ जोड़कर मजाक बनाया जाता है। लोग इसका लुत्फ उठाएं।

अफेयर की चर्चा: कोरी कल्पना है। पूरी तरह बकवास। इस पर क्या बोलूं।

विराट-रोहित की प्रतिद्वंद्विता मेरे हिसाब से विराट और रोहित के बीच कोई प्रतिद्वंद्विता नहीं है। दोनों एक-दूसरे का सम्मान करते हैं। हमारी इस टीम में जो आपसी सौहार्द है उससे अच्छा कुछ नहीं हो सकता। एक व्यक्ति के तौर पर और एक टीम के तौर पर ये अद्भुत हैं। ये टीम का हिस्सा हैं और टीम के लिए खेलते हैं और बेहतर करने की कोशिश करते हैं।

रोहित के बारे में गलत धारणा रोहित के बारे में यह गलत धारणा है कि वह फिटनेस पर ज्यादा मेहनत नहीं करते। वह शायद ही कोई कैच छोड़ते हैं। टीम के सबसे अच्छे फील्डर्स में से हैं। मैं रोहित को जितना जानता हूं उसके आधार पर कह सकता हूं कि आने वाले दिनों में अपनी फिटनेस पर और काम करेंगे क्योंकि अब उन्हें टेस्ट मैच भी खेलने हैं। ओपन करना है।

सचिन का रेकॉर्ड और विराट
यह सब कुछ निर्भर करता है कि वह चोटों से दूर रहें और अगर अगले पांच-छह साल खेलते रहे, इसी रफ्तार से रन बनाते रहे तो कुछ भी संभव है। इसमें कोई दो राय नहीं कि सभी फॉर्मेट में वह दुनिया के बेस्ट बैट्समैन हैं।

Source: Sports

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