दक्षिण भारत के तटीय इलाकों में सामरिक मोर्चे पर मजबूती के लिए भारतीय वायुसेना ने यहां अपने घातक फाइटर जेट सुखोई-30 की तैनाती कर दी है। तमिलनाडु के तंजावुर एयर बेस पर सोमवार को एयरफोर्स की ओर से सुखोई-30 की 222 टाइगर शार्क स्क्वॉड्रन की तैनाती की गई है। इस खास समारोह के दौरान चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ , एयरफोर्स चीफ आरकेएस भदौरिया समेत तमाम बड़े अधिकारी मौजूद रहे। तंजावुर में तैनात सुखोई फाइटर जेट बेहद घातक ब्रह्मोस मिसाइल से लैस हैं।
तंजावुर में सुखोई की तैनाती के बाद मीडिया को संबोधित करते हुए चीफ ऑफ डिफेंस स्टाफ जनरल बिपिन रावत ने कहा कि देश की सभी डिफेंस सर्विसेज को किसी भी ऐक्शन के लिए तैयार रहने के निर्देश दिए हैं। फिलहाल किसी भी स्थिति का पूर्वानुमान लगाना कठिन है लेकिन हम खुद के सामने आने वाली हर परीस्थिति के लिए पूरी तरह से तैयार है।
वहीं एयरफोर्स चीफ आरकेएस भदौरिया ने कहा कि सुखोई को तंजावुर में तैनात करने का फैसला यहां के सामरिक महत्व को देखकर लिया गया है। तंजावुर में तैनात सुखोई विमान ब्रह्मोस मिसाइल से लैस होंगे।
कोयंबटूर में तेजस की तैनाती
तंजावुर के इस एयरफोर्स स्टेशन की शुरुआत 2013 में हुई थी। इस मोर्चे पर सुखोई की तैनाती के साथ भारतीय वायुसेना दक्षिण भारत के तटीय इलाकों को सुरक्षा के लिहाज से और मजबूत बनाना चाहती है। सुखोई की तैनाती से पहले तमिलनाडु के कोयंबटूर एयरबेस पर तेजस विमानों एक स्क्वॉड्रन मौजूद है। ऐसे में तंजावुर में सुखोई के बेड़े के मौजूद होने से दक्षिण भारत में हिंद महासागर, बंगाल की खाड़ी और अरब सागर से लगने वाले तटीय इलाकों की सुरक्षा और मजबूत हो सकेगी।
Source: National