पैन को आधार से लिंक नहीं करने पर किसी भी व्यक्ति का पैन नंबर निष्क्रिय नहीं होगा। यह फैसला गुजरात हाई कोर्ट ने दिया है। कोर्ट ने अपने फैसले में कहा है कि अगर कोई व्यक्ति अपने पैन को आधार कार्ड से लिंक नहीं करता है तो उसे इनकम टैक्स रिटर्न फाइल करने या ट्रांजैक्शंस करने में पैन का इस्तेमाल करने से नहीं रोका जा सकता है।
सुप्रीम कोर्ट में विचाराधीन आधार ऐक्ट की वैधता
हाई कोर्ट ने कहा, ‘सुप्रीम कोर्ट जबतक आधार ऐक्ट की वैधता पर फैसला नहीं ले लेती, तबतक सरकार ऐसे किसी व्यक्ति के पैन कार्ड को निष्क्रिय नहीं कर सकती या उसे डिफॉल्टर घोषित नहीं कर सकती, जिसने अपने पैन को अपने आधार से लिंक नहीं किया है।’ आधार ऐक्ट की वैधता का मामला सुप्रीम कोर्ट की एक बड़ी पीठ के समक्ष विचाराधीन है।
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करदाताओं को मिली राहत
टैक्समैन डॉट कॉम के डीजीएम चार्टर्ड अकाउंटैंट नवीन वाधवा कहते हैं, ‘आधार ऐक्ट की संवैधानिक वैधता को लेकर उठे सवाल पर विचार करते हुए गुजरात हाई कोर्ट ने आधार ऐक्ट पर सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने तक पैन को आधार से लिंक नहीं करने वाले करदाताओं को राहत दी है, क्योंकि उनका पैन अब निष्क्रिय नहीं होगा।’ गुजरात हाईकोर्ट ने बंदिश सौरभ सोपरकर बनाम भारत संघ 2020 (गुजरात) के मामले में यह फैसला दिया है।
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31 मार्च है पैन-आधार लिंक डेडलाइन
सेंट्रल बोर्ड ऑफ डायरेक्ट टैक्स (CBDT) ने पर्मानेंट अकाउंट नंबर (PAN) और आधार लिंकिंग की समयसीमा बढ़ाकर 31 मार्च, 2020 कर दी थी। पिछली समय-सीमा 31 दिसंबर 2019 को खत्म हो रही थी। यह 8वीं बार है जब सरकार ने आधार को पैन से जोड़ने की समय-सीमा बढ़ाई थी। आयकर विभाग ने कहा है कि जो लोग पैन-आधार को लिंक नहीं करेंगे, उनके पैन को अमान्य मान लिया जाएगा और उन पर इससे जुड़े अधिनियम के अन्य प्रवाधान लागू होंगे।’
1 अप्रैल से पैन-आधार लिंक अनिवार्य किया
आयकर भरने के लिए आधार को पैन से जोड़ना अनिवार्य है। पिछले साल सितंबर में उच्चतम न्यायालय ने केंद्र सरकार की आधार योजना को संवैधानिक स्तर पर सही करार दिया था और पैन को आधार आपस से जोड़ने को अनिवार्य बनाए जाने की सरकार की योजना को विधि सम्मत करार दिया था। 1 अप्रैल 2019 से इनकम टैक्स रिटर्न दाखिल करने के लिए भी आधार-पैन लिंक होना अनिवार्य किया गया है।
Source: National