सरकारी अधिवक्ता सिराजुद्दीन अलवी के मुताबिक, अदालत ने मलिक के खिलाफ गुरुवार को गैर-जमानती वॉरंट जारी किया क्योंकि यह पुलिस अधिकारी अदालत में लंबे समय से साक्ष्य लेकर पेश नहीं हुए थे। समाजवादी पार्टी के नेता की 28 अक्टूबर 2006 को स्थानीय निकाय चुनाव के दौरान एसपी समर्थकों और आरएलडी समर्थकों के बीच एक मतदान केंद्र पर हुई झड़प के दौरान गोली मारकर हत्या कर दी गई थी।
मुख्य आरोपी मुजफ्फरनगर के पूर्व सांसद कादिर राणा उस वक्त आरएलडी में थे। बाद में 2009 के चुनाव में वह बीएसपी के टिकट पर लोकसभा के लिए निर्वाचित हुए थे। हत्याकांड में कादिर राणा के अलावा उसके भाई और पूर्व विधायक नूर सलीम और दो अन्य का नाम भी आरोपी के रूप में दर्ज है। पीड़ित के परिवार के अनुरोध पर इस मामले को वर्ष 2007 में इलाहाबाद उच्च न्यायालय ने मुजफ्फरनगर से मेरठ स्थानांतरित किया था।
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