भोपाल, 28 जनवरी (भाषा) मध्यप्रदेश के मैहर विधानसभा क्षेत्र के भाजपा विधायक नारायण त्रिपाठी ने मंगलवार को संशोधित नागरिकता कानून :सीएए: का विरोध करते हुए कहा कि सीएए से देश में गृहयुद्ध जैसी स्थितियां बन रही हैं, जो देश के लिए घातक है। उन्होंने अपनी ही पार्टी पर सीएए लागू कर देश को धर्म के आधार पर बांटने का आरोप लगाया। उन्होंने तंज कसा कि भाजपा को भीमराव अंबेडकर द्वारा लिखित संविधान को फाड़कर फेंक देना चाहिए और एक अलग से संविधान बनाकर उसके तहत देश को चलाना चाहिए। त्रिपाठी ने यहां संवाददाताओं को बताया, ‘‘जब मैंने महसूस किया तो मैंने सीएए का विरोध किया। ये (मेरे विधानसभा क्षेत्र) मैहर की ही नहीं, हर जगह की स्थिति है। आज हमारे हिन्दुस्तान के हर गली-मोहल्ले में गृहयुद्ध जैसी स्थितियां हैं। ये देश के लिए घातक है।’’ जब उनसे सवाल किया गया कि क्या वह भाजपा छोड़ कांग्रेस में जाने का विचार कर रहे हैं, तो इस पर उन्होंने कहा, ‘‘मेरा कांग्रेस में जाने का कोई मन नहीं है। न भाजपा से अलग होने का मामला है यह। यह मेरा अपना व्यक्तिगत विचार है। जो मैंने अनुभव किया, महसूस किया और देखा है…..उसके आधार पर बात कर रहा हूं।’’ उन्होंने कहा, ‘‘सीएए से केवल भाजपा को वोट का फायदा हो रहा है। देश को और कोई फायदा नहीं है।’’ उन्होंने उदाहरण देकर अपनी बात समझाया कि मैहर के खरोंधी गांव के यज्ञनारायण शुक्ला परिवार कहना है कि सीएए आने के बाद स्थिति ऐसी बिगड़ गई है कि पड़ोसी भठिया गांव के जो मुसलमान पहले उन्हें उनके गांव जाने पर खड़े होकर पंडितजी पायलागू कहते थे, अब वे महीना-दो महीना से हमें देखते भी नहीं हैं। त्रिपाठी ने कहा, ‘‘सीएए तो आप (भाजपा) ले आये। या तो भीमराव अंबेडकर के संविधान को फाड़कर फिंकवा दो आप । या फिर भाजपा का एक अलग से संविधान बन जाये और उस संविधान के तहत देश को चलाएं । यदि उसको (अंबेडकर के संविधान को) मानते हैं तो भीमराव अंबेडकर ने कहा है कि यहां सभी धर्म के लोग रहेंगे और हिन्दुस्तान चलेगा। संविधान में धर्म के नाम पर एवं नागरिकता के नाम पर देश का बंटवारा नहीं हो सकता।’’ उन्होंने कहा, ‘‘आप (भाजपा) एकता एवं अखंडता की बात करते हैं और आग लगवाने का काम करते हैं।’’ राष्ट्रीय नागरिक पंजी (एनआरसी) पर त्रिपाठी ने कहा कि जब गांव का आदमी राशन कार्ड बनाने तक में सक्षम नहीं हैं, तो वह अपनी नागरिकता कैसे सिद्ध करेगा। मालूम हो कि पिछले साल 28 जुलाई को भाजपा को उस वक्त करारा झटका लगा था जब मध्यप्रदेश विधानसभा में एक विधेयक पर मत विभाजन के दौरान उसके दो विधायकों –नारायण त्रिपाठी और शरद कोल ने अपना समर्थन मुख्यमंत्री कमलनाथ के नेतृत्व वाली कांग्रेस नीत सरकार को दे दिया था। ढाई महीने बाद त्रिपाठी ने कहा था कि वह भाजपा में थे, भाजपा में हैं और भाजपा में रहेंगे।
Source: Madhyapradesh