उत्तर प्रदेश: फर्जी कागजों के दम पर बने थे शिक्षक, 48 के खिलाफ एफआईआर दर्ज

बरेली
उत्तर प्रदेश में के सहारे नौकरी पाने वाले शिक्षकों के खिलाफ शाहजहांपुर और बरेली के विभिन्न थानों में 48 प्राथमिकी दर्ज की गई है। पुलिस ने बताया कि उत्तर प्रदेश ने फर्जी दस्तावेज के सहारे नौकरी लेने वाले शिक्षकों के खिलाफ दर्ज कराई है। इन शिक्षकों को 2016 में एक जांच के बाद निष्कासित कर दिया गया था, जिसमें कहा गया था कि उन्होंने नौकरी पाने के लिए फर्जी दस्तावेज जमा किए थे। हालांकि, अभी तक मामले में किसी की गिरफ्तारी नहीं हुई है।

पुलिस के अनुसार, फर्जी डिग्री वाले शिक्षकों को आईपीसी की धारा 420 (धोखाधड़ी), 466 (रेकॉर्ड में जालसाजी), 468 (धोखाधड़ी के उद्देश्य से फर्जीवाड़ा) और 471 (वास्तविक के रूप में जाली दस्तावेज का इस्तेमाल करना) के तहत मामला दर्ज किया गया है। बरेली के बेसिक शिक्षा अधिकारी के तनुजा त्रिपाठी ने कहा, ‘हमने फर्जी डिग्री के लगाकर नौकरी पाने वालों के खिलाफ एफआईआर दर्ज की है। हालांकि, उन्हें 2016 में निष्कासित कर दिया गया था, तब एफआईआर दर्ज नहीं की गई थी। इसीलिए हमने अब एफआईआर दर्ज की हैं। अतीत में फर्जी डिग्री वाले और शिक्षकों को निष्कासित कर दिया गया था, जिसपर बाद में उन्होंने इलाहाबाद हाई कोर्ट से स्थगन आदेश ले लिया था और फिर वह बहाल हो गए थे।’

कुल 42 एफआईआर दर्ज की गई है
शाहजहांपुर के बीएसए राकेश कुमार ने कहा, ‘फर्जी डिग्री वाले शिक्षकों के खिलाफ बुधवार को 12 सहित कुल 42 एफआईआर दर्ज की गईं। इन 42 में से 25 शिक्षकों को पहले निष्कासित कर दिया गया था। सत्यापन प्रक्रिया के दौरान पता चला कि इन शिक्षकों ने बीएड डिग्री, बेसिक ट्रेनिंग सर्टिफिकेट और प्रशिक्षित ग्रेजुएट टीचर सर्टिफिकेट सहित फर्जी दस्तावेज जमा करवाए थे।’

गौरतलब है कि अधिकारियों के सत्यापन के लिए संबंधित शिक्षा संस्थानों से संपर्क करने पर फर्जी डिग्री का खुलासा हुआ था। हालांकि, दो जिलों के 48 शिक्षकों पर मामला दर्ज किया गया है। वहीं, अधिकारियों ने कहा कि अन्य जिलों में ऐसे शिक्षकों के खिलाफ इसी तरह की कार्रवाई की जाएगी।

Source: International

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