भगवान राम प्रतिमा स्थल की जमीन पर कब्जेदारों ने डीएम को सौंपा ज्ञापन

अयोध्याप्रभु श्रीराम की प्रतिमा स्थापित करने के लिए जमीन अधिग्रहण को लेकर माझा बरेहटा इलाके में रहने वाले लोगों ने विरोध में अपनी 6 सूत्रीय मांगों को लेकर अयोध्या के रेजिडेंट मैजिस्ट्रेट को ज्ञापन दिया है। बताया गया कि इनका कब्जा तो जमीन पर है पर रेवेन्यू रेकॉर्ड में नाम नहीं है। यह जमीन महर्षि ट्रस्ट के नाम दर्ज है। अब किसानों की मांगों के साथ समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता व पूर्व राज्यमंत्री तेज नारायण पांडे पवन व कम्युनिस्ट पार्टी भी खड़ी है।

पवन पांडेय के मुताबिक माझा बरेहटा में महर्षि ट्रस्ट की संस्था ने जमीन खरीदकर अपने नाम कागजों में दर्ज करवा ली थी, जिस पर कई वर्षों से लोग मकान बना कर खेती कर रहे हैं। ऐसे में पहले जमीन यहां के कब्जेदारों के नाम की जाए। उसके बाद उनको मुवावजा देकर, जमीन के लिए खरीदी जाए। ऐसा न करने से सैकड़ों परिवार बेघर हो जाएंगे। उन्होंने कहा कि हम किसानों के हित में सरकार से ऐक्शन लेने की मांग कर रहे हैं। ग्रामीणों ने डीएम को संबोधित करते हुए छह सूत्रीय मांगों का ज्ञापन एसडीएम को सौंपा है।

मैजिस्ट्रेट के मुताबिक यहां चकबंदी नहीं हुई है, जो लोग यहां रहने का दावा कर रहें हैं, उनकी मांग है कि अरसे से यहां खेती करने वालों के नाम उनके कब्जे की जमीन की जाए। उसके बाद उनके पुनर्वास की व्यवस्था करके ही जमीन का अधिग्रहण किया जाए। इससे पहले भी इस प्रॉजेक्ट के लिए जब मीरपुर दोआबा में जमीन की खरीद के लिए नोटिफिकेशन किया गया था तो प्रभावित लोग भी विरोध में हाई कोर्ट तक गए थे लेकिन न्यायालय से उन्हें राहत नहीं मिली।

डीएम एके झा के मुताबिक आपसी सहमति से जमीन का अधिग्रहण करने का नोटिफिकेशन जारी किया गया है। इसमें प्रभावित लोगों को 15 दिनों का समय प्रत्यावेदन देने के लिए दिया गया है। बाकी जिन लोगों ने ज्ञापन दिया है, उनकी बात शासन तक पहुंचाई जाएगी। बताया गया कि माझा बरेहटा के कब्जेदारों ने भी उच्च न्यायालय की शरण ली। उच्च न्यायालय ने जमीन अधिग्रहण में स्थानीय प्रशासन को पारदर्शिता रखने के निर्देश दिए हैं।

समाजवादी पार्टी (एसपी) के नेता व पूर्व मंत्री तेज नारायण पांडे ने कहा कि वह प्रभु राम प्रतिमा लगाने का विरोध नहीं कर रहे हैं। सिर्फ सरकार से यही मांग कर रहे हैं कि महर्षि ट्रस्ट की जमीन खरीद की जांच कर इसे रद्द किया जाए और यहां पर वर्षों के कब्जेदारों को उनका हक दिया जाए।

Source: International

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