… तो हाईवे से गुजरेगा भारत के विकास का रास्ता

नई दिल्ली
केंद्रीय वित्त मंत्री ने इकॉनमी को रफ्तार देने को लेकर देश में इन्फ्रास्ट्रक्चर पर कुल 100 लाख करोड़ रुपये निवेश का ऐलान किया है। वित्त मंत्री ने देश में राजमार्गों का जाल बिछाने के लिए कई घोषणाएं की हैं। उन्होंने 9,000 किलोमीटर लंबा इकॉनमिक कॉरिडोर, 2,000 किलोमीटर लंबा स्ट्रैटिजिक हाईवे, 2,500 किलोमीटर का एक्सप्रेस हाईवे तथा 2,000 किलोमीटर के कोस्टल तथा लैंड पोर्ट रोड्स का निर्माण करने की घोषणा की है।

बजट पेश करते हुए वित्त मंत्री ने कहा कि 1.7 लाख करोड़ रुपये ट्रांसपोर्ट इन्फ्रास्ट्रक्चर पर 2020-21 में खर्च किए जाएंगे। उन्होंने दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे और चेन्नै-बेंगलुरु एक्सप्रेसवे को लेकर भी लोगों को खुशखबरी दी है। उन्होंने कहा कि ये दोनों ही एक्सप्रेसवे जल्द से जल्द बनेंगे। सीतारमण ने कहा कि दिल्ली-मुंबई एक्सप्रेसवे 2023 तक बनकर तैयार हो जाएगा।

वित्त मंत्री कहा कि उड़ान योजना को समर्थन देने के लिए 2025 तक 100 और हवाई अड्डे विकसित किए जाएंगे। उन्होंने बताया कि 1,150 ट्रेनों को सार्वजनिक निजी भागीदारी (पीपीपी) मॉडल के तहत चलाने का प्रस्ताव है। इसके अलावा, निजी क्षेत्र की मदद से चार स्टेशनों का पुनर्विकास किया जाएगा।

मंत्री ने वादा किया कि पर्यटन गंतव्यों को जोड़ने के लिए निजी भागीदारी से चलने वाली तेजस जैसी और रेलगाड़ियां चलायी जाएंगी। उन्होंने कहा कि इसके अलावा, रेल ट्रैक के साथ बड़ी सौर बिजली क्षमता के विकास का भी प्रस्ताव है। वित्तमंत्री ने बजट में फल-सब्जियों जैसे जल्द खराब होने वाले कृषि उत्पादों की ढुलाई के लिए विशेष रेलगाड़ी चलाने की भी घोषणा की। इन ट्रेनों में रेफ्रिजरेटर लगे होंगे, जो इन उत्पादों की लंबी दूरी तक ढुलाई सुनिश्चित करेंगे। किसान रेल गाड़ियां भी पीपीपी मॉडल के तहत चलाई जाएंगी।

Source: National

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