() के केंद्रीय अध्यक्ष विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा है कि निर्माण के लिए बनने वाले ट्रस्ट में आंदोलन से जुड़े नेताओं और संतों की उपेक्षा नहीं होनी चाहिए। देशभर में नागरिकता संशोधन कानून (सीएए) के खिलाफ हो रहे प्रदर्शनों को कोकजे ने संविधान के खिलाफ बताया है। उन्होंने यह भी कहा कि राम मंदिर, तीन तलाक और की कुंठा के नाम पर निकाली जा रही है।
कोकजे ने कहा कि वीएचपी ने 1984 से लगातार राम मंदिर आंदोलन की अगुवाई की है। ऐसे में सुप्रीम कोर्ट का फैसला आने और राम मंदिर का संकल्प पूरा होने के बाद वीएचपी को उम्मीद है कि सरकार ऐसे लोगों की उपेक्षा नहीं करेगी, जो मंदिर आंदोलन से लम्बे समय से जुड़े रहे हैं। ट्रस्ट में राम मंदिर आंदोलन से जुड़े राम भक्तों को तरजीह मिलनी चाहिए।
‘सेक्युलर और राम में विश्वास ना करने वालों को ट्रस्ट में ना मिले जगह’
कोकजे ने आगे कहा, ‘ट्रस्ट में ऐसे लोगों को शामिल किया जाए, जिनकी भगवान राम में आस्था है। ऐसे लोगों को कतई शामिल न किए जाए, जो सेक्युलर या राम में विश्वास करने वाले न हों।’ राम मंदिर मॉडल को लेकर उठ रहे विवाद पर उन्होंने कहा, ‘अयोध्या में राम मंदिर के मॉडल को लेकर अब कोई विवाद नहीं होना चाहिए क्योंकि सालों तक वीएचपी का ही प्रस्तावित मॉडल लोगों के बीच ले जाया गया है। विष्णु सदाशिव कोकजे ने कहा कि इस मॉडल के आधार पर अयोध्या कारसेवकपुरम में दो मंजिलों के लिए सत्तर फीसदी पत्थर भी तराशे जा चुके हैं, इसलिए मंदिर का निर्माण इसी मॉडल पर होना चाहिए।
विष्णु सदाशिव कोकजे ने आगे कहा, ‘राम मंदिर पर फैसला आने के बाद अब विश्व हिंदू परिषद का अगला लक्ष्य सामाजिक समरसता को लेकर आंदोलन चलाना है। देश में धर्मांतरण का खतरा बढ़ा है और इससे बचने के लिए हिंदुओं को एक होना होगा। इसलिए भी वीएचपी अपना पूरा ध्यान इसी पर केंद्रित करेगी। जातियों में बंटे हिंदू समाज को यह बताया जाएगा कि हिंदू धर्म में सभी बराबर हैं। जैसा शास्त्रों में भी कहा गया है।’
‘भारत शक्तिशाली हो गया तो कोई नहीं कर पाएगा मुकाबला’
उन्होंने यह भी कहा कि भारत को शक्तिशाली होते देखना कोई नहीं चाहता। इसलिए विदेशी ताकतें समय-समय पर देश के अंदर षड्यंत्र करती रही हैं क्योंकि उन्हें मालूम है यदि भारत शक्तिशाली हो गया तो कोई उसका मुकाबला नहीं कर सकेगा। कोकजे ने कहा, ‘हिंदू समाज का एक बड़ा वर्ग वंचित है। इसे मुख्यधारा में लाने के लिए कई स्तर पर अभियान चलाने की जरूरत है। इस वर्ग के मेधावी बच्चों को सामान्य वर्ग के बच्चों के साथ ही प्रतियोगिता के लिए तैयार किया जाएगा।’
Source: International