शाहीन बाग, चुनाव, कश्मीर… खुलकर बोले शाह

नई दिल्ली
दिल्ली विधानसभा चुनाव में बीजेपी की हार पर केंद्रीय गृहमंत्री ने कहा कि ना हम पहली बार लड़े हैं और ना पहली बार विपरीत परिणाम आए हैं। बिहार में भी हम हारे थे, कर्नाटक में भी हम हारे थे। मध्य प्रदेश और राजस्थान भी हारे थे, जबकि हम वहां भी जी-जान से लड़े थे।

शाह ने कहा कि बीजेपी कार्यकर्ता होने के नाते बस इतना कहूंगा कि हमारा काम पार्टी की विचारधारा लेकर जनता के सामने जाना है। ज्यादा से ज्यादा लोगों तक तर्क के साथ अपनी विचारधारा पहुंचाना है। दूसरे दलों के लिए चुनाव केवल सरकार बनाने तक सीमित है, जबकि बीजेपी विचारधारा बेस्ड पार्टी है, हम चुनावों के सहारे अपनी विचारधारा का भी विस्तार करते हैं। सिर्फ जय पराजय के लिए चुनाव नहीं लड़ते हैं।

EVM और करंट वाले बयान पर बोले शाह-
शाह ने कहा कि चुनाव परिणाम से विचारधारा गलत या सही नहीं हो सकती है। उन्होंने कहा कि दिल्ली चुनाव को लेकर मेरा अनुमान था कि बीजेपी को 45 सीटें आएंगी, लेकिन वह गलत साबित हुआ।

उन्होंने कहा कि जिस तरह से शाहीन बाग का समर्थन करने वालों को अपना मत रखने का अधिकार है, उसी तरह इसका विरोध करने वालों को भी अपनी बात रखना चाहिए, जो हमने किया।

चुनाव के दौरान शाह की ओर से कहा गया था कि ईवीएम का बटन दबाओ तो करंट शाहीन बाग में लगेगा, इस पर उन्होंने कहा कि अपनी बात समझाने का यह केवल एक वाक्य था।

शाह ने दिल्ली चुनाव में पार्टी के नेताओं की ओर से दिए गए विवादित बयान पर कहा कि यह पार्टी की राय नहीं है। ऐसी बातें नहीं होनी चाहिए। पार्टी के आधिकारिक प्रवक्ता के बयान को ही सही माना चाहिए। शाह ने स्वीकार किया ऐसे बयानों का दिल्ली चुनाव में बीजेपी को खामियाजा भुगतना पड़ा है। दिल्ली चुनावों में राहुल गांधी की ओर से पीएम मोदी को डंडा मारने वाले बयान पर शाह ने कहा कि यह दुर्भाग्यपूर्ण है।

पढ़ें:

सीएए का विरोध करने वालों से बात करने को तैयार हैं शाह
सीएए के खिलाफ देशभर में हो रहे विरोध प्रदर्शन पर शाह ने कहा कि इसमें यह भी देखना जरूरी है कि ये प्रदर्शन किनके द्वारा और किस स्तर पर हो रहा है। मुझे आज तक कोई ऐसा इंसान नहीं मिला जो समझा सके कि सीएए के किस प्रावधान के तहत उन्हें यह एंटी मुस्लिम लगता है। यह विरोध केवल बीजेपी के नाम पर विरोध हो रहा है।

शाह ने कहा कि अंदेशा के नाम पर आंदोलन नहीं होता है, जब एनआरसी आएगा तब इन्हें विरोध करना चाहिए था। अमित शाह ने स्पष्ट किया कि पिछली कांग्रेस और जनता पार्टी की सरकारों ने हिंदूओं और सिखों को लांग टर्म वीजा दे चुकी है। इसकी शुरुआत 30 मार्च 1964 से ही शुरू हो चुकी थी, तब बीजेपी सत्ता में नहीं थी। यही काम कांग्रेस करती है तो वह सेक्युलर और बीजेपी कानून बनाती है तो गलत हो जाती है।

पढ़ें:

सीएए आने के बाद पाकिस्तान से आए 74 अल्पंख्यकों को राजस्थान के जोधपुर, जैसलमेर के कलेक्टर ने नागरिकता दी है। वहां कांग्रेस पार्टी की सरकार है। शाह ने कहा कि हमारा मन शुद्ध है, हमने कभी भी धर्म के नाम पर भेदभाव नहीं किया। सीएए में कोई ऐसा प्रोविजन नहीं है जो मुस्लिमों की नागरिकता ले ले। इस देश का विभाजन कांग्रेस पार्टी ने धर्म के आधार पर किया।

शाह ने कहा कि महात्मा गांधी ने 12 जुलाई 1947 को कहा था कि जिन लोगों को पाकिस्तान से भगाया गया उन्हें पता होना चाहिए की वे पूर्ण भारत के नागरिक हैं। उन्हें ये महसूस करना चाहिए कि वह भारत की सेवा करने के लिए पैदा हुए थे, इसलिए भारत उन्हें स्वीकारने के लिए तैयार है।

अमित शाह ने कहा कि सीएए को लेकर जिसे भी आपत्ति है वह हमारे पास आएं, हम तीन दिनों के भीतर समय देंगे। उन्होंने कहा कि शांतिपूर्ण तरीके से विरोध करने का सबको अधिकार है। उन्हें मेरा समर्थन है।

जामिया इलाके में पुलिस ने उन्हीं के खिलाफ कार्रवाई की जो बस जला रहे थे, लोगों की स्कूटी आग के हवाले कर रहे थे। जेएनयू में अलग हालात थे, वहां फीस वृद्धि के खिलाफ प्रदर्शन था, इसलिए दिल्ली पुलिस वहां से दूर रही।

अमित शाह ने स्पष्ट किया कि वह लोकसभा में कह चुके हैं कि अभी एनआरसी पर कोई निर्णय नहीं लिया है। उन्होंने बताया कि एक कमिटी के अध्यक्ष प्रणब मुखर्जी थे, इसमें कपिल सिब्बल, मोतीलाल वोरा, अंबिका सोनी और लालू प्रसाद यादव सदस्य थे। इस संसदीय समिति की 107वीं रिपोर्ट में कहा गया था, ‘इस रिपोर्ट में समिति ने भारत के प्रत्येक नागरिकों का अनिवार्य रूप से पंजीकरण करेगी और उन्हें पहचान पत्र जारी करने का मान्यता देगी और उनका रजिस्टर बनाएगी।’ जब हम एनआरसी पर निर्णय लेंगे तब सबको पता चल जाएगा।

सीएए पर सवाल उठाने वालों से मैं पूछना चाहता हूं कि जिस पाकिस्तान में अल्पसंख्यकों की 30 फीसदी आबादी घटकर तीन फीसदी कैसे हो गई, ये लोग कहां चले गए। ये लोग या तो मार दिए गए, या धर्म परिवर्तन करा दिया गया या तो वे भारत की सरण में आ गए। जबकि हमारे यहां अल्पसंख्यकों की जनसंख्या घटी नहीं वृद्धि हुई है।

देखें,

जब हमअल्पसंख्यक की बात करते हैं तो हमें यह समझने की जरूरत है कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान और बांग्लादेश घोषित मुस्लिम देश हैं, ऐसे में वहां अल्पसंख्यक में मुसलमान कैसे हो सकता है। शाहीन बाग में पीएफआई के पैसे के प्रयोग के सवाल पर शाह ने कहा कि इसकी जांच चल रही है।

कश्मीरी पंडितों को दोबारा बसाने का दिया आश्वासन
अनुच्छेद 370 के चलते जम्मू कश्मीर के दो पूर्व मुख्यमंत्रियों उमर अब्दुल्ला और महबूबा मुफ्ती को इतने लंबे समय तक नजरबंद किए जाने के सवाल पर शाह ने कहा कि यह स्थानीय प्रशासन का निर्णय है, इसमें भारत सरकार का कोई रोल नहीं है।

शाह ने स्पष्ट किया कि जम्मू कश्मीर पूरी तरह नॉर्मल है, वहां परिवार के साथ जाया जा सकता है। जो चाहें वो जा सकते हैं। यशवंत सिन्हा और अरुण शौरी वहां से होकर आए हैं।

एनपीआर को लेकर कांग्रेस गलत प्रचार कर रही है। इसमें कागजात दिखाने का कोई प्रावधान ही नहीं है। सीएए के समर्थन में विरोध करने वालों से 20 गुणा से ज्यादा लोग हैं। सीएए के समर्थन में देशभर में दो-दो लाख लोग एकत्र हुए हैं। सीएए में एंटी मुस्लिम प्रावधान क्या है कोई इसे साबित करके दिखाए।

कश्मीरी पंडितों को दोबारा जम्मू कश्मीर में बसाने के सवाल पर शाह ने कहा कि 4 लाख लोगों को अपने ही देश में निर्वासित होना पड़ा क्या मीडिया कभी उनके दर्द को दिखाएगा। काल्पनिक भय को इतना कवरेज दिखाया जाता है, लेकिन इनके लिए कोई आवाज नहीं उठाता। शाह ने आश्वासन दिया कि उनकी सरकार कश्मीरी पंडितों को जरूर दोबारा से बजाएगी।

पढ़ें:
पी चिदंबरम के हिंदू राष्ट्र बनाने वाले बयान पर शाह ने कहा कि पाकिस्तान, अफगानिस्तान, बांग्लादेश में एनआरसी है तो उन्हें कोई आपत्ति क्यों नहीं है।

‘कांग्रेस है एंटी एससी/एसटी पार्टी हम नहीं’
एससी/एसटी को सुप्रीम कोर्ट की ओर से प्रमोशन में आरक्षण पर रोक पर राहुल गांधी की ओर से लगाए गए आरोप पर अमित शाह ने कहा कि यह प्रस्ताव कांग्रेस पार्टी की ओर से किया गया था, इससे बीजेपी सरकार का कोई वास्ता नहीं है। एंटी दलित राहुल गांधी हैं, कांग्रेस पार्टी है। देशभर के दलित भाइयों से कहना चाहता हूं कि वह उत्तराखंड सरकार की वेबसाइट पर जाएं और तारीखवार सारी बातें जान लें कि एंटी दलित कौन है। वे ये भी जान जाएंगे उस वक्त किसकी सरकार थी।

‘दिल्ली चुनाव हम पहले ही हारे हुए थे’
लोकसभा चुनाव के बाद बीजेपी का फुट प्रिंट घटने के सवाल पर शाह ने कहा कि हर चुनाव के अलग-अलग मुद्दे होते हैं। मैं मानता हूं कि कुछ राज्यों में बीजेपी को सफलता नहीं मिली है, लेकिन इसक मतलब यह नहीं है कि हमारा जनाधार घटा है। महाराष्ट्र में हम चुनाव जीते हैं, हरियाणा में केवल ढाई फीसदी वोट कम हुआ है। झारखंड में हम चुनाव हारे हैं और दिल्ली में पहले से हारे हुए थे उल्टा हमारा वोट प्रतिशत बढ़ा है।

शाह ने कहा कि कांग्रेस राष्ट्रीय पार्टी है इसलिए हमारी तुलना उनसे ही कीजिए। बिहार और पश्चिम बंगाल में चुनाव में अभी वक्त है। गृहमंत्री से जब पूछा गया कि महाराष्ट्र प्रकरण के बाद क्या आप चाणक्य की पदवी एनसीपी प्रमुख शरद पवार को देना चाहेंगे? इसपर शाह ने कहा कि मैंने चाणक्य को काफी पढा है, उन्हें समझने की कोशिश की है। मैं उनकी तुलना खुद से कभी नहीं कर सकता। जहां तक शरद पवार जी की बात है तो उन्होंने काफी सरकारें बनाई हैं, गिराई हैं, वे काफी वरिष्ठ हैं।

शाह ने कहा कि पीएम मोदी ने न्यू इंडिया का विजन रखा है, हम पांच ट्रिलियन डॉलर इकॉनमी के लक्ष्य को पाने के लिए काम कर रहे हैं। 70 साल में 2014 तक देश 2 ट्रिलियन इकॉनमी तक पहुंचा, वहीं हमने पांच साल में इसे 2.9 ट्रिलियन तक पहुंचाया।

Source: National

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *