वाराणसी: पुराधिपति के विवाहोत्सव के उल्‍लास में मगन रही काशी

विकास पाठक, वाराणसी
भोले की नगरी की सड़कों और गलियों में शुक्रवार को पर पुराधिपति के विवाहोत्‍सव का उल्‍लास छाया रहा। काशी विश्‍वनाथ मंदिर में दर्शन-पूजन के लिए उमड़ी भीड़ के बीच ठीक बगल में स्थित ज्ञानवापी मस्जिद में जुमे की नमाज भी हुई।

काशी में नित और हर क्षण प्रवाहमान रहने वाली शिव भक्ति की गंगा महाशिवरात्रि पर उफान पर रही। बारह ज्‍योर्तिलिंगों में से एक काशी विश्‍वनाथ के जलाभिषेक को देश के कोने-कोने से आए भक्‍तों का रेला गुरुवार रात से ही उमड़ पड़ा था। शुक्रवार भोर में मंगला आरती के बाद बाबा दरबार के कपाट खुलने से लेकर रात तक गौदोलिया और मैदागिन की ओर से विश्‍वनाथ मंदिर के बीच के लम्‍बे रास्‍ते में दूध पूरित कलश और माला फूल लिए भक्‍तों का रेला चलता रहा।

हर-हर महादेव के उद्धोष के बीच शिव के रंग में रंगी काशी
गर्भगृह में जाने पर रोक के चलते इस बार भक्‍तों को बाबा का झांकी दर्शन मिला। शाम तक करीब तीन लाख लोग दर्शन कर चुके थे। भक्‍तों को दर्शन देने के लिए बाबा पूरी रात जागे। बाबा के गौरा संग विवाह बंधन में बंधने की रस्‍में महानिशा में चार प्रहर की आरती-पूजन के साथ निभाई गई। हर-हर महादेव के गूंजते उद्धोष और भक्‍तों की भीड़ से काशी नगरी शिव के रंग में रंगी रही।

भूत-पिशाच के साथ निकली शिव बारात, खेली होली
महाशिवरात्रि पर शहर के अलग-अलग इलाकों से निकली शिवबारातों में बाबा विश्‍वनाथ अपने गण, भूत-पिशाच, मदारी-सपेरों तथा साधु-सन्‍यासियों के साथ होली खेलते नजर आए। महामृत्‍युंजय महादेव के निकली काशी की प्रधान बारात में ‘खेले मशाने में होली…’ पर आधारित लाइट एंड साउंड सिस्‍टम और देश में बढ़ती महंगाई के कराहती जनता की पीड़ा, इलाज के नाम पर लूट खसोट की झांकियां आकर्षण का केंद्र रही। इस बारात में दूल्‍हा हास्‍य कवि सांड बनारसी रहे तो व्‍यापारी नेता बदरूद्दीन अहमद दुल्‍हन बने।

Source: International

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