बैंगलुरु : देश में मजबूत रक्षा और सुरक्षा अवसंरचना के निर्माण के मद्देनजर ‘भारत और विश्व’ के लिए सरकार ने प्रधानमंत्री श्री नरेन्द्र मोदी के मूलमंत्र ‘मेक इन इंडिया’ को अपनाया है। रक्षा मंत्री श्री राजनाथ सिंह ने बैंगलुरू के हिंदुस्तान एयरोनॉक्टिस लिमिटेड (एचएएल) में हैलिकॉफ्टर प्रभाग के नए हलके लड़ाकू हेलिकॉप्टर उत्पादन हैंगर का उद्घाटन करते हुए यह कहा। उन्होंने कहा कि पिछले पांच वर्षों में भारत ने ‘मेक इन इंडिया’ पहल के तहत सैन्य उपकरणों के स्वदेशी निर्माण में महत्वपूर्ण प्रगति की है।
देश के आर्थिक विकास में रक्षा उद्योग द्वारा निभाई जाने वाली प्रमुख भूमिका का उल्लेख करते हुए रक्षा मंत्री ने एचएएल जैसे रक्षा सार्वजनिक उपक्रम के महत्वपूर्ण योगदान की प्रशंसा की। उन्होंने कहा कि एचएएल ने भारत को विश्व की पांचवी सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बनाने में शानदार योगदान किया है। उसके प्रयासों से भारत 6 स्थानों की छलांग लगाते हुए आज विश्व की पांचवीं सबसे बड़ी अर्थव्यवस्था बन गया है। उन्होंने कहा कि रक्षा निर्यात में बढ़ोतरी हुई है और वह पिछले दो सालों में 17,000 करोड़ रुपये के पार पहुंच गया है। आने वाले वर्षों में 35,000 करोड़ रुपये के लक्ष्य को रेखांकित करते हुए रक्षा मंत्री ने विश्वास व्यक्त किया कि विभिन्न प्लेटफार्मों के जरिए एचएएल इस मील के पत्थर को हासिल करने में महत्वपूर्ण योगदान करेगा।
श्री राजनाथ सिंह ने एचएएल की सराहना करते हुए कहा कि वह भारतीय वायु सेना का मेरुदंड है और वह सैन्यबलों की आवश्यकताओं को पूरा कर रहा है। उन्होंने कहा, ‘एचएएल ने पिछले पांच वर्षों में परिचालन और वित्त के क्षेत्र में उत्कृष्टता प्राप्त की है। उसने 7 प्लेटफार्मों पर परिचालन क्लियरेंस हासिल किया है, जिसमें हलका लड़ाकू युद्धक विमान और हलका लड़ाकू हेलिकॉप्टर शामिल है। इसके अलावा उसने हॉक और एसयू-30 एमकेआई जैसे प्लेटफार्मों को भी दुरुस्त किया है।’ श्री राजनाथ सिंह ने इस बात की सराहना की कि मार्च, 2019 तक एचएएल ने 19,705 करोड़ रुपये का कारोबार किया और शेयरधारकों को 198 प्रतिशत का शानदार लाभांश दिया है।
निजी रक्षा उद्योगों द्वारा एचएएल को मिलने वाली कड़ी प्रतिस्पर्धा करते हुए रक्षा मंत्री ने रक्षा सार्वजनिक क्षेत्र उपक्रम से आग्रह किया कि वह बदलते परिवेश को चुनौती के रूप में ले तथा अंतर्राष्ट्रीय बाजार में अपनी क्षमता बढ़ाने के लिए अवसरों से लाभ उठाए। उन्होंने फिक्स्ड विंग और रोटरी एयरक्राफ्ट के क्षेत्र में भावी परियोजनाओं के लिए एचएएल को शुभकामनाएं दी और उन्होंने कहा कि एचएएल असैन्य एयरक्राफ्ट व्यापार में भी भारत का नेतृत्व करेगा।
इस अवसर पर एचएएल के अध्यक्ष और प्रबंध निदेशक श्री आर माधवन ने कहा कि हलका लड़ाकू हैलिकाप्टर (एलसीएच) परिचालन के लिए पूरी तरह तैयार है और इसके उत्पादन के लिए हैलिकाप्टर परिसर पूरी तरह चाक-चौबंद है। उन्होंने कहा कि इस नए उत्पादन हैंगर से एलसीएच उत्पादन क्षमता में इजाफा होगा और प्रतिवर्ष 30 हैलिकॉप्टरों का उत्पादन संभव होगा। एचएएल ने रक्षा मंत्री को स्वदेशी बहु उद्देशीय हेलिकॉप्टर (आईएमआरएच) के नए डिजाइन और विकास कार्यक्रम की प्रगति से भी अवगत कराया। श्री राजनाथ सिंह के समक्ष इसका प्रदर्शन भी किया गया। आईएमआरएच के विषय में प्रस्ताव है कि वह एमआई 17, कामोव और सीकिंग्स जैसे मौजूदा मध्यम हैलिकॉप्टरों की जगह लेगा जिन्हें अगले 8 से 10 वर्षों के दौरान सेवा से हटाया जाना है।
एचएएल द्वारा विकसित और डिजाइन किया गया एलसीएच 5.5 टन वजन वाला लड़ाकू हेलिकॉप्टर है। इसमें दो शक्ति इंजर लगे हैं और उन्नत हलके हेलिकॉप्टर की कई तकनीकी विशेषताओं से यह लैस है। एलसीएच सियाचीन के अग्रिम ठिकानों तक पहुंचने में सक्षम है तथा वह समुद्र तल से 4,700 मीटर की ऊंचाई तक अपने साथ 500 किलोग्राम भारी सामान ले जा सकता है।