तृणमूल कांग्रेस की सांसद अपनी शादी के बाद से ही हिंदू धर्म के रीति-रिवाजों को लेकर लोगों के निशाने पर रहती हैं लेकिन उनका कहना है कि उन्हें विवादों से फर्क नहीं पड़ता। पति निखिल जैन के साथ आजकर दुर्गा पूजा के जश्न में डूबीं नुसरत ने शुक्रवार को पारंपरिक सिंदूर खेला में भी हिस्सा लिया।
‘इंसानियत और प्यार का सबसे ज्यादा सम्मान’
चलताबगान पंडाल में नुसरत ने पति के साथ सिंदूर खेला में हिस्सा लिया। इस रस्म में पहले देवी दुर्गा को सिंदूर चढ़ाया जाता है और भोग लगाया जाता है। इसके बाद महिलाएं एक दूसरे को सिंदूर लगाती हैं। इस मौके पर उन्होंने कहा कि वह सभी धर्मों के लोगों का सम्मान करती हैं।
इस दौरान पत्रकारों से बात करते हुए जहां ने कहा, ‘मैं भगवान की खास बेटी हूं। मैं सभी त्योहार मनाती हूं। मैं इंसानियत और प्यार का सबसे ज्यादा सम्मान करती हूं। मैं बहुत खुश हूं और विवादों से मुझे फर्क नहीं पड़ता।’
‘नकारात्मकता की बातें नहीं’
कुछ दिन पहले उनके दुर्गा पूजा में शामिल होने पर देवबंद के एक मौलवी मुफ्ती असद कासमी ने कहा था कि नुसरत जहां को अपना धर्म बदल लेना चाहिए, इस्लाम को ऐसे लोगों की बिल्कुल भी जरूरत नहीं है। इस पर जहां ने कहा कि वह इस कदर खुशी और जश्न में डूबी हैं कि वह नकारात्मक चीजों के बारे में बात नहीं करना चाहती हैं।
Source: National