सेक्टर 93बी स्थित ग्रैंड ओमैक्स सोसायटी में एक बीजेपी नेता की दबंगई का मामला सामने आया है। आरोप है कि नेता ने पिछले 3 साल से एओए को मेंटिनेंस चार्ज नहीं दिया है। वहीं, अब कॉमन एरिया में बने लॉन में अतिक्रमण कर कब्जा करना शुरू कर दिया है। लोगों का कहना है कि गुरुवार शाम को नेता को अतिक्रमण करने से रोका गया तो उसके निजी सुरक्षाकर्मियों ने लोगों को अंजाम भुगतने की धमकी दे दी। वहीं, नेता के प्रवक्ता ने एओए के आरोपों को झूठ का पुलिंदा बताते हुए कहा कि खुद उन्होंने ही सोसायटी में अतिक्रमण कर रखा है। जिसके खिलाफ वह केस दर्ज कराएंगे।
अपार्टमेंट ओनर असोसिएशन (एओए) के प्रेजिडेंट पीवीएस प्रकाश ने बताया कि सोसायटी में श्रीकांत त्यागी नाम के बीजेपी नेता रहते हैं। वह खुद को बीजेपी किसान मोर्चा का नेता बताते हैं। उनका ऊपरी मंजिल पर बना फ्लैट बंद रहता है, जबकि वे खुद नीचे ग्राउंड फ्लोर पर किराये के फ्लैट में रहते हैं। उन्होंने पिछले 3 साल से असोसिएशन को मेंटिनेंस चार्ज के 3 लाख रुपये नहीं दिए हैं। इस बारे में उन्हें कई बार नोटिस दिया गया लेकिन कोई असर नहीं हुआ। अब वह किराये के फ्लैट में बाहर की ओर दीवार बनाकर अतिक्रमण कर रहे हैं। साथ ही फ्लैट के सामने ओपन लॉन में टाइलें लगवाकर उस पर कब्जा कर रहे हैं।
अंजाम भुगतने की दी धमकी
आरोप है कि गुरुवार शाम जब लॉन में टाइल में बिछा रहे मिस्त्रियों को रोका गया तो त्यागी की सुरक्षा में तैनात वर्दीधारी और सादे कपड़ों वाले सुरक्षाकर्मियों ने अंजाम भुगतने की धमकी देनी शुरू कर दी। उनकी दबंगई देखकर कोई भी विरोध करने का साहस नहीं जुटा पाया और 100 नंबर पर कॉल कर पुलिस बुलाई। आरोप है कि वहां पहुंची पुलिस भी बीजेपी नेता का प्रभाव देखकर लौट गई। इसके बाद कार्यकारिणी सदस्य स्वाति अग्रवाल सिंह, मनोज कुमार सक्सेना, रानू कालरा समेत कई लोग थाना फेज-2 पहुंचे। वहां भी उनकी शिकायत रिसीव नहीं की गई। इसके बाद एओए के प्रतिनिधिमंडल ने शुक्रवार को सेक्टर 6 अथॉरिटी सीईओ के दफ्तर में जाकर नेता के अतिक्रमण को हटवाने की शिकायत दी।
एओए के आरोपों को नकारा
श्रीकांत त्यागी को कॉल करने पर उनके निजी सचिव धनंजय यादव ने फोन उठाया। उन्होंने एओए के आरोपों को झूठा बताते हुए कहा कि लॉन सभी के लिए ओपन है। वह यहां सिर्फ सौंदर्यीकरण करवा रहे हैं। उन्होंने कहा कि त्यागी पर आरोप लगाने वाले खुद ही अवैध तरीके से एओए पर कब्जा किए बैठे हैं और चुनाव नहीं करवा रहे हैं। उन्होंने बिना किसी अधिकार के सहयोग राशि मांगी, जिसे चुकाने से इंकार कर दिया गया। इसलिए वे आरोप लगा रहे हैं। उन्होंने बताया कि गलत तरीके से वसूली में लगे इन लोगों के खिलाफ कार्रवाई के लिए आईजी को पत्र लिखा जाएगा।
Source: UttarPradesh