भारत के साथ वार्ता में पाक आतंकवाद बाधा: US

वॉशिंगटन
अमेरिका ने पाकिस्तान को आंतकवाद को समर्थन देना बंद करने की चेतावनी देते हुए कहा कि उसकी यह नीति भारत के साथ बातचीत की राह में सबसे बड़ी बाधा है। दक्षिण एवं मध्य एशिया मामलों की अमेरिकी कार्यवाहक सहायक विदेश मंत्री एलिस जी वेल्स ने कहा कि अमेरिका शिमला समझौते के अनुसार भारत एवं पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत का समर्थन करता है, लेकिन इस वार्ता में ‘मुख्य बाधा’ सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान का समर्थन देना है।

पाकिस्तान को चेतावनी
वेल्स ने अमेरिकी प्रतिनिधि सभा की विदेश मामलों की समिति की एशिया, प्रशांत एवं निरस्त्रीकरण उपसमिति से कहा, ‘उपयोगी द्विपक्षीय वार्ता फिर शुरू करने के लिए भरोसा कायम करने की आवश्यकता है और सीमा पार आतंकवादी गतिविधियों को अंजाम देने वाले आतंकवादी समूहों को पाकिस्तान का समर्थन देना इस वार्ता में मुख्य बाधा है।’ उन्होंने पाकिस्तान को चेतावनी देते हुए कहा, ‘पाकिस्तान लश्कर-ए-तैयबा और जैश-ए-मोहम्मद जैसे आतंकवादी समूहों को शरण दे रहा है जो सीमा पार हिंसा को भड़काना चाहते हैं। पाकिस्तान का शरण मुहैया कराना अस्थिरता पैदा करता है और पाकिस्तानी प्राधिकारी अपने कदमों के लिए जवाबदेह हैं।’

बातचीत सबसे कारगर: वेल्स
वेल्स ने कहा, ‘हमारा मानना है कि 1972 के शिमला समझौते में बताए अनुसार भारत और पाकिस्तान के बीच सीधी बातचीत करना तनाव कम करने में सर्वाधिक कारगर हो सकता है।’ उन्होंने कहा कि ऐसा बताया जाता है कि 2006-2007 में पर्दे के पीछे की वार्ता के दौरान भारत और पाकिस्तान ने कश्मीर समेत कई मामलों पर उल्लेखनीय प्रगति की थी। वेल्स ने कहा, ‘इतिहास दर्शाता है कि क्या संभव हो सकता है।’

आतंकवादियों पर कड़ी कार्रवाई करे पाक: अमेरिका
वेल्स ने कहा, ‘हमारा मानना है कि भारत और पाकिस्तान के बीच किसी भी प्रकार की सफल वार्ता इस बात पर निर्भर करती है कि पाकिस्तान अपनी जमीन पर आतकंवादियों के खिलाफ सतत एवं अपरिहार्य कार्रवाई करे।’ उन्होंने सांसदों से कहा कि अमेरिका के राष्ट्रपति डॉनल्ड ट्रंप और अमेरिकी विदेश मंत्री माइक पॉम्पिओ ने संयुक्त राष्ट्र महासभा समेत अपने भारतीय एवं पाकिस्तानी समकक्षों से कई बार बात की।

कश्मीर में डर का माहौल बनाना चाहते हैं आतंकवादी: US
वेल्स ने कहा कि कश्मीर में सुरक्षा हालात तनावपूर्ण बने हुए हैं। उन्होंने कहा कि युवाओं एवं सुरक्षा बलों के बीच नियमित झड़पें हो रही रही हैं तथा भारतीय बलों ने पिछले सप्ताह कई मुठभेड़ों में संदिग्ध आतंकवादियों को मार गिराया। उन्होंने कहा, ‘हम स्थानीय एवं विदेशी आतंकवादियों द्वारा सामान्य आर्थिक गतिविधि बाधित करने के लिए स्थानीय निवासियों और कारोबारियों को डराने-धमकाने की कोशिश करने की खबरों को लेकर चिंतित हैं। अमेरिका शांतिपूर्ण प्रदर्शन के कश्मीरियों के अधिकारी का समर्थन करता है लेकिन आतंकवादियों के कृत्यों की निंदा करता है जो वार्ता को कमजोर करने के लिए हिंसा एवं भय का इस्तेमाल करने की कोशिश कर रहे हैं।’

Source: International

Leave a Reply

Your email address will not be published. Required fields are marked *