चीन ने सोमवार को अमेरिका पर बिना नाम लिए निशाना साधते हुए कहा कि सरकार के खिलाफ जारी प्रदर्शनों को भड़काने और विदेशी ताकतों द्वारा वैध सरकारों को उखाड़ फेंकने से दुनिया के कुछ क्षेत्रों में युद्ध और अशांति ने जन्म लिया। रक्षा मंत्री जनरल वेई फेंगेह का यह बयान तब आया है जब हॉन्ग कॉन्ग में सरकार विरोधी अभूतपूर्व प्रदर्शन चल रहे हैं। चीन के विशेष प्रशासित क्षेत्र हॉन्ग कॉन्ग को ब्रिटेन ने 1997 में कम्युनिस्ट देश को सौंप दिया था।
हॉन्ग कॉन्ग प्रदर्शनों को लेकर अमेरिका
पर बरसा चीन
वेई ने चीन के वार्षिक अंतरराष्ट्रीय रक्षा और सुरक्षा सम्मेलन के उद्घाटन समारोह में कहा, ‘अन्य देशों के मामलों में बेवजह हस्तक्षेप करने की कभी जीत नहीं होगी।’ उन्होंने हॉन्ग कॉन्ग में प्रदर्शनों और पश्चिम एशिया के हालात का साफ तौर पर जिक्र करते हुए कहा, ‘सरकार के खिलाफ प्रदर्शनों को भड़काना, वैध सरकारों को उखाड़ फेंकना कुछ क्षेत्रों में युद्ध और अशांति की जड़ है।’ चीन ने हाल फिलहाल में हॉन्ग कॉन्ग में चल रहे हिंसक प्रदर्शनों को सरकार के खिलाफ जारी प्रदर्शन का स्थानीय संस्करण बताया।
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सरकारी समाचार एजेंसी शिन्हुआ ने बताया कि इस सम्मेलन में 1,300 से अधिक रक्षा और सुरक्षा अधिकारियों, 76 आधिकारिक प्रतिनिधिमंडलों के प्रतिनिधियों और विशेषज्ञों और पर्यवेक्षकों समेत 8 अंतरराष्ट्रीय संगठनों ने भाग लिया। इस सम्मेलन की थीम एशिया-प्रशांत में अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था बनाए रखना और शांति का प्रचार करना है। सम्मेलन को दिए अपने संदेश में राष्ट्रपति शी चिनफिंग ने प्रतिनिधियों से शांति और गहरी होती सुरक्षा सहयोग पर सहमति बनाने का आह्वान किया। शी ने कहा कि चीन संवाद के जरिए सहयोग बढ़ाने, सहयोग के जरिए शांति का प्रचार करने और शांति के जरिए विकास करने के लिए प्रतिबद्ध है।
परस्पर संवाद के जरिए मतभेद दूर करने की अपील
उन्होंने एशिया-प्रशांत क्षेत्र से एक साथ रहने और जटिल सुरक्षा खतरों के मद्देनजर संयुक्त राष्ट्र केंद्रित अंतरराष्ट्रीय व्यवस्था को बरकरार रखने का आह्वान किया।चीन के रक्षा मंत्री ने अपने भाषण में कहा कि राष्ट्रों को संवाद और परस्पर सम्मान के जरिए अपने मतभेदों को दूर करना चाहिए और चीन विदेशी दबाव के आगे कभी घुटने नहीं टेकेगा। उन्होंने मुख्य भूमि के साथ ताइवान के फिर से एकीकरण का आह्वान करते हुए उच्चस्तरीय रक्षा मंच से कहा कि इस प्रक्रिया को दुनिया की कोई ताकत रोक नहीं सकती।
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स्वशासित ताइवान को चीन अपना अलग हो चुका प्रांत मानता है, जिसे मुख्य भूमि यानी देश के बाकी हिस्से में मिलाना है। रक्षा मंत्री फेंगहे ने बीजिंग में जियांगशान फोरम में एशिया के रक्षा मंत्रियों और अधिकारियों से कहा कि चीन मातृभूमि के पूर्ण पुन:एकीकरण को साकार करने की दिशा में अपने प्रयासों में कोई कसर नहीं छोड़ेगा।
Source: International