डोपिंग में फंसे रवि कुमार को सजा में नरमी की उम्मीद

नई दिल्लीडोप परीक्षण में विफल रहे विश्व कप के पदक विजेता राइफल निशानेबाज ने कहा कि उनसे अनजाने में गलती हुई और उन्हें उम्मीद है कि राष्ट्रीय डोपिंग रोधी एजेंसी (नाडा) से उन्हें कम सजा मिलेगी। मई में म्यूनिख में हुए विश्व कप के बाद से राष्ट्रीय टीम से बाहर 29 साल के रवि 10 मीटर एयर राइफल में गोल्ड कोस्ट राष्ट्रमंडल खेलों और 2014 एशियाई खेलों के कांस्य पदक विजेता हैं।

यहां घरेलू प्रतियोगिता के दौरान रवि को प्रोप्रेनोलोल के लिए पॉजिटिव पाया गया। इस पदार्थ का इस्तेमाल उच्च रक्तचाप के इलाज के लिए किया जाता है और यह विश्व डोपिंग रोधी एजेंसी की प्रतिबंधित सूची में शामिल है। रवि ने कहा, ‘मैंने अनजाने में माइग्रेन के उपचार के लिए दवा ली थी। मई-जून में कुमार सुरेंद्र नाथ स्मृति प्रतियोगिता के दौरान परीक्षण से कुछ दिन पहले घर में मेरे डाक्टर ने मुझे यह दवा लिखी थी।’

उन्होंने कहा, ‘मैंने नाडा को सब कुछ बता दिया है और वे समझ गए लेकिन उन्होंने मुझे बताया कि मेरी एकमात्र गलती यह थी कि मैंने परीक्षण के दौरान यह खुलासा नहीं किया कि मैंने ऐसी कोई दवा ली है जिसमें निशानेबाजी में प्रतिबंधित पदार्थ शामिल है।’ रवि अपने ‘बी’ नमूने का परीक्षण नहीं कराएंगे और उन्होंने नतीजों को स्वीकार कर लिया है। ‘ए’ नमूने के नतीजों को स्वीकार करने के बाद अधिकतम सजा दो साल है लेकिन रवि को सजा में नरमी की उम्मीद है। नाडा का अनुशासनात्मक पैनल अगले कुछ दिनों में सजा पर फैसला करेगा।

रवि ने कहा, ‘मुझे नतीजा अपने पक्ष में आने की उम्मीद है क्योंकि मैंने यह पदार्थ अनजाने में लिया। मैंने साथ ही अपने डाक्टर को साफ तौर पर बोल दिया था कि मैं खिलाड़ी हूं।’ उन्होंने कहा, ‘भारतीय राष्ट्रीय राइफल संघ (एनआरएआई) ने नाडा से स्वीकृति मिलने के बाद मुझे घरेलू प्रतियोगिताओं में हिस्सा लेने की इजाजत दी लेकिन मैं भारतीय टीम में जगह बनाने का पात्र नहीं हूं और इसलिए एशियाई चैंपियनशिप (ओलिंपिक कोटा प्रतियोगिता) जैसे टूर्नमेंटों में नहीं खेल पाया।’ रवि ने कहा कि हालांकि उनका ओलिंपिक में हिस्सा लेने का सपना टूट गया है लेकिन वह यह सुनिश्चित करेंगे कि जल्द से जल्द प्रतिस्पर्धा में वापसी कर सकें।

Source: Sports

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