चन्द्रशेखर विश्वविद्यालय के दीक्षांत में बेटियों का गोल्‍ड मेडल में दबदबा, खुश हुईं राज्‍यपाल आनंदीबेन

बलिया
बलिया में के प्रथम दीक्षांत समारोह में बड़ी संख्या में मेधावी पाते देखकर को महिला सशक्तीकरण की बुलंद तस्वीर दिखाई दी। पीएम नरेंद्र मोदी के नारे का बलिया में असर देखकर गर्व्रनर ने इसका जिक्र उन्होंने अपने दीक्षांत भाषण में भी किया।

गुरूवार को वह कलेक्ट्रेट स्थित बहुउद्देशीय सभागार में आयोजित दीक्षांत समारोह में हिस्सा लेने आयी थीं। राज्यपाल ने 27 मेधावियों को स्वर्ण पदक देकर सम्मानित किया। दीक्षांत समारोह को सम्बोधित करते हुए राज्यपाल ने कहा कि स्वर्ण पदक प्राप्त करने में बड़ी संख्या हमारी बेटियों की है। निश्चय ही यह बदलते भारत में महिला सशक्तिकरण का ज्वलंत उदाहरण है। बेटी बचाओ बेटी पढ़ाओं का जो नारा प्रधानमंत्री जी ने दिया है, उसका प्रभाव अब सुदूर व पिछड़े क्षेत्र में भी दिखाई देने लगा है।

स्वर्ण पदक पाने में बेटियों का दबदबा
जेएनसीयू के पहले दीक्षांत समारोह में 27 मेधावियों को स्वर्ण पदक मिला। इसमें एमकाम में नूर अफ्सां, एमएड में बिन्दू कुमारी, एमए प्राचीन इतिहास में प्रीति यादव, एमए अर्थशास्त्र में ज्योति गुप्ता, एमए शिक्षाशास्त्र में रेशमा परवीन, एमए अंग्रेजी में पूजा वर्मा, एमए हिंदी में निधि पटेल, एमए भूगोल में सुगंती शर्मा, एमए मध्यकालीन इतिहास में सुंदरम सोनी, एमए गृह विज्ञान में शिवानी राय, एमए गृह विज्ञान (मानव विकास) में सीमा चक्रवर्ती।

इन्‍हें भी मिला गोल्‍ड मेडल
एमए सैन्यविज्ञान में आकांक्षा सिंह, एमए राजनीतिविज्ञान में प्रगति तिवारी, एमए मनोविज्ञान में मधु, एमए संस्कृत में मनीष तिवारी, एमए समाजशास्त्र में स्नेहलता, एमए उर्दू में फौजिया खातून, एमएससी बायो टेक्नालॉजी में दिव्यानी भारद्वाज, एमएससी वनस्पतिविज्ञान में रश्मि चैधरी, एमएससी रसायन विज्ञान में प्रियंका यादव, एमएससी गणित में मधु तिवारी, एमएससी जन्तु विज्ञान में मुन्ना यादव, एमएससी कृषि अर्थशास्त्र में मनीषा सिंह, एमएससी कृषि रसायन व मृदा विज्ञान में दीपिका मौर्य, एमएससी अनुवांशिकी एवं पादप प्रजनन में अंकुर सिंह, बीएड में पूजा गुप्ता, बीपीएड में बैजनाथ कुमार को स्वर्ण पदक मिला।

गर्वनर बोलीं- परिषदीय स्कूल के बच्चे मेरे गेस्ट
यूनिवर्सिटी के दीक्षांत समारोह में परिषदीय स्कूलों के बच्चे अतिथि के रूप में मौजूद थे। राज्यपाल आनंदीबेन पटेल ने कहा, ‘परिषदीय विद्यालय के बच्चे यहां मेरे गेस्ट के रूप में आए है। उनको मैंने स्वयं बुलाया है।’ उन्होंने कहा कि सामान्यतया परिषदीय विद्यालयों के बच्चे गरीब परिवार के होते हैं। इनके पास कोई ऐसा साधन नहीं होता, जिससे ये बच्चे अपने पाठयक्रम के अलावा कुछ पढ़ सकें। ये बच्चे कभी टूर पर नहीं जा पाते होंगे। इसी सोच के साथ मैंने ऐसे बच्चों से मिलने व उन्हें कुछ भेंट करने के लिए आमंत्रित किया।

बच्‍चों को कहानियों की किताबें
इन बच्‍चों को कहानियों की दो-दो किताबें दी गईं। इस तरह एक स्कूल में छोटी सी लाइब्रेरी हो गई। राज्यपाल ने पूर्व माध्यमिक विद्यालय बसंतपुर के 50 बच्चों को पुरस्कार देकर उनका उत्साहवर्धन किया। पुरस्कार के रूप में एक बैग और उसमें दो-दो कहानी की किताब, टिफिन, पेंसिल बॉक्‍स, बोतल आदि थी। राज्यपाल के हाथों पुरस्कार पाकर बच्चे चहक उठे। उनकी खुशी का ठिकाना नहीं था। पुरस्कार वितरित करने के दौरान राज्यपाल ने कुछ बच्चों से सवाल भी पूछे।

Source: International

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