नागरिकता संशोधन विधेयक (कैब) के खिलाफ असम में तनावपूर्ण हालात बने हुए हैं और हिंसक प्रदर्शनों का दौर जारी है। गुरुवार सुबह राजधानी गुवाहाटी में लोगों ने कर्फ्यू का उल्लंघन किया। राज्य में तनावपूर्ण स्थिति को देखते हुए सेना ने फ्लैग मार्च किया है और पुलिस अधिकारियों का तबादला किया गया है। हिंसा को रोकने के लिए कुछ जगहों पर पुलिस को गोली भी चलानी पड़ी है। सीएम ने प्रदर्शनकारियों से शांति बनाए रखने की अपील की है। आइए जानते हैं असम हिंसा के 10 बड़े अपडेट्स…
पुलिस आयुक्त को हटाया
गुवाहाटी में प्रदर्शनों को रोकने में असफल रहने पर राज्य की बीजेपी सरकार ने राजधानी गुवाहाटी के पुलिस आयुक्त दीपक कुमार को हटा दिया है। उनकी जगह पर मुन्ना प्रसाद गुवाहाटी के नए पुलिस आयुक्त होंगे। इस बीच असम के अतिरिक्त पुलिस महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) मुकेश अग्रवाल को एडीजीपी (सीआईडी) के रूप में स्थानांतरित किया गया है।
इंटरनेट पर 48 घंटे बढ़ा बैन
‘कैब’ के खिलाफ लगातार हो रहे प्रदर्शन के बाद गुवाहाटी में बुधवार रात अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया था। 4 स्थानों पर सेना के जवानों को तैनात किया गया है जबकि बुधवार को त्रिपुरा में असम राइफल्स के जवानों को तैनात भी किया गया था। बता दें कि पूर्वोत्तर में असम और त्रिपुरा में नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर अफरा-तफरी की स्थिति बनी हुई है। असम में इंटरनेट सेवाओं को अगले 48 घंटे के लिए और बैन कर दिया गया है।
पुलिस ने लालुंगगांव में गोलियां चलाई
नागरिकता संशोधन विधेयक के खिलाफ प्रदर्शन कर रहे लोगों पर पुलिस ने लालुंगगांव में गोलियां चलाई। इसमें कुछ लोग कथित तौर पर घायल हो गए। एक वरिष्ठ पुलिस अधिकारी ने दावा किया कि प्रदर्शकारियों ने पुलिसकर्मियों पर पत्थरबाजी की और ईंटे फेंकी और पुलिस ने जब उन्हें शांत कराने की कोशिश की तो ये लोग वहां से नहीं हटे। अधिकारी ने गोलीबारी में घायल लोगों की संख्या नहीं बताई लेकिन प्रदर्शनकारियों का दावा है कि कम से कम 4 लोग घायल हुए हैं।
छात्र संगठनों का विरोध प्रदर्शन
अखिल असम छात्र संगठन ने गुवाहाटी में सुबह 11 बजे से विरोध प्रदर्शन का आह्वान किया है। वहीं कृषक मुक्ति संग्राम समिति ने लोगों से अपील की है कि वे सड़कों पर उतरें और शांतिपूर्ण तरीके से प्रदर्शन करें। बुधवार रात कर्फ्यू के बावजूद लोग सड़कों पर निकल आए थे। सेना ने शहर में बृहस्पतिवार सुबह फ्लैग मार्च निकला। भारी संख्या में नाकेबंदी के बाद असम के कई शहरों में सड़कों पर वाहन फंसे हुए हैं। पांच-छह वाहनों में आग भी लगा दी गई।
बीजेपी नेताओं के घरों पर भी हमले
राज्य के कई हिस्सों में बीजेपी और असम गण परिषद के नेताओं के घरों पर भी हमले हुए हैं। राज्य के डिब्रूगढ़ में बुधवार देर रात अनिश्चितकाल के लिए कर्फ्यू लगा दिया गया क्योंकि यहां प्रदर्शनकारियों ने असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल और केंद्रीय मंत्री रामेश्वर तेली के घर को निशाना बनाया था। असम पुलिस के अतिरिक्त महानिदेशक (कानून एवं व्यवस्था) ने कहा, ‘अगले आदेश तक कर्फ्यू लगा रहेगा। हम स्थिति पर करीबी नजर रख रहे हैं और अब तक स्थिति नियंत्रण में है।’
आरएसएस के कार्यालय पर भी बोला हमला
उधर, राष्ट्रीय स्वयं सेवक संघ के एक अधिकारी ने बताया कि डिब्रूगढ़, साद्या और तेजपुर के कार्यालयों पर हमले हुए हैं। तेजपुर में बीजेपी कार्यालय पर भी हमले हुए। असम में बुधवार को हजारों लोग कैब का विरोध करने के लिए सड़कों पर निकल आए थे और इस दौरान पुलिस और प्रदर्शनकारियों के बीच झड़प भी हुई। असम में इस तरह के हिंसक प्रदर्शनों ने वह समय याद दिला दिया, जब लगातार 6 साल तक यहां छात्रों का हिंसक आंदोलन चला था। असम समझौते के बाद वह स्थिति शांत हुई थी।
सीएम ने की शांति बनाए रखने की अपील
असम के मुख्यमंत्री सर्बानंद सोनोवाल ने लोगों से शांति बनाए रखने की अपील की है। उन्होंने कहा, ‘मैं सभी लोगों से अपील करता हूं कि वे आगे आएं और शांति और व्यवस्था बनाए रखें।’ असम के मुख्यमंत्री ने कहा, ‘कुछ लोग झूठी खबर फैलाने की कोशिश कर रहे हैं। ऐसे में मैं आम जनता से अपील करता हूं कि वे शांति बनाए रखें और किसी भी तरह की हिंसा में शामिल नहीं हों।’
मोदी-आबे की बैठक के लिए बने रैंप को नष्ट किया
15 दिसंबर से पीएम नरेंद्र मोदी और उनके जापानी समकक्ष शिंजो आबे के बीच शिखर सम्मेलन की तैयारियों के तहत एक होटल के पास रैंप बनाया गया था। प्रदर्शनकारियों ने उसे भी क्षतिग्रस्त कर दिया। वहीं, रात में प्रदर्शनकारियों ने डिब्रूगढ़ के चबुआ और पनीटोला रेलवे स्टेशनों के नियंत्रण कक्ष में आग लगा दी। जोरहाट, गोलाघाट, डिब्रूगढ़, तिनसुकिया, शिवसागर, बोंगाईगांव, नगांव, सोनीतपुर और कई अन्य जिलों में बड़ी संख्या में लोग सड़कों पर निकले।
सेना पूरी तरह से मुस्तैद
असम के बोंगाईगांव जिले और कंचनपुर (राधानगर जिले) और त्रिपुरा में मनु (ढालई जिले) में सेना पूरी तरह मुस्तैद है। रक्षा पीआरओ लेफ्टिनेंट कर्नल पी खोंगसाई ने कहा, ‘फील्ड कमांडर और सेना मुख्यालय स्थिति की बारीकी से निगरानी कर रहे हैं।’ असम सरकार ने सेना से मदद मांगी थी। इसके बाद सेना की 5 कॉलम तैनात की गई है।
ट्रेनों का संचालन बंद, परीक्षाएं स्थगित
तीन दिन से प्रदर्शन से प्रभावित त्रिपुरा में ट्रेनें नहीं चल रही हैं। वहां नैशनल और स्टेट हाइवेज सप्ताह की शुरुआत से ही सुनसान पड़े हैं। सभी परीक्षाएं स्थगित कर दी गई हैं। असम और त्रिपुरा में हो रहे हिंसक विरोध प्रदर्शनों को देखते हुए रेलवे ने असम और त्रिपुरा आने-जाने वाली सभी यात्री ट्रेनों को निलंबित कर दिया और लंबी दूरी वाली ट्रेनों को गुवाहाटी में ही रोका जा रहा है। पूर्वोत्तर सीमांत रेलवे के प्रवक्ता सुभानन चंदा ने बताया कि सुरक्षा स्थिति को देखते हुए यह फैसला बुधवार रात में लिया गया, जिसके बाद कई यात्री कामाख्या और गुवाहाटी में फंस गए। दिल्ली में अधिकारियों ने बताया कि तिनसुकिया, लुम्बडिंग और रंगिया खंड में ट्रेनें रद्द कर दी गई है और कोई भी ट्रेन गुवाहाटी से आगे नहीं जा रही है।
असम में कई उड़ानें रद्द
नागरिकता (संशोधन) विधेयक को लेकर जारी व्यापक विरोध प्रदर्शन के कारण कई एयरलाइंस ने राज्य के कई शहरों की उड़ानें बृहस्पतिवार को रद्द कर दी। उड़ानें रद्द करने वाली विमानन कंपनियों में इंडिगो, विस्तार, एयर इंडिया, स्पाइसजेट और गोएयर शामिल हैं। इंडिगो के प्रवक्ता ने कहा कि असम में अस्थिरता की स्थिति को देखते हुए बृहस्पतिवार को गुवाहाटी और डिब्रूगढ़ की उड़ानें रद्द की गई हैं। कंपनी ने गुवाहाटी, डिब्रूगढ़ और जोरहाट की उड़ानों के यात्रियों के लिये 13 दिसंबर तक टिकट रद्द करने या यात्रा की तिथि बदलने के लिये शुल्क समाप्त कर दिया है।
जतिन बोरा ने छोड़ी बीजेपी
बिल को लेकर बीजेपी के अंदर से भी विरोध होने लगा है। गुरुवार को विधेयक के विरोध में ऐक्टर और असम बीजेपी के नेता जतिन बोरा ने पार्टी की सदस्यता से इस्तीफा दे दिया।
Source: National