अपने पति सह कोच संतोष की मदद से उन्होंने 2017 में मुंबई मैराथन में भाग लिया और तीन घंटे आठ मिनट 41 सेकंड के समय के साथ दूसरे स्थान पर रहीं। इससे उन्हें पुरस्कार राशि के तौर पर चार लाख रुपये मिले जिसका इस्तेमाल उन्होंने अपने इलाज के लिए किया। दो साल के बाद कैंसर पर जीत दर्ज कर उन्होंने दमदार वापसी की और कोलकाता 25के में महिला वर्ग में किरणजीत कौर के बाद दूसरे स्थान (एक घंटा 39 मिनट और 2 सेकंड) पर रहीं।
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इलाज के लिए चाहिए थे पैसेअपने संघर्ष को याद करते हुए श्यामली ने कहा, ‘हमारी स्थिति अच्छी नहीं थी। मेरे पति संतोष मेरे कोच भी है। हमें इलाज के लिए पैसे की जरूरत थी इसलिए हमने मिलकर संघर्ष करने का फैसला किया। मैंने मुंबई मैराथन में भाग लिया। मैं इसमें शीर्ष तीन में रहने को लेकर प्रतिबद्ध थी जिससे इलाज के लिए पैसे मिल सके।’
शरीर में हो गई पानी की कमीरविवार को वह यहां 17 किलोमीटर तक भारतीय महिला धावकों में शीर्ष पर थीं लेकिन पेट की मांसपेशियों में खिंचाव आने के कारण उन्हें अपनी गति धीमी करनी पड़ी। इस दौरान उनके शरीर में पानी की कमी हो गई। उन्होंने कहा,‘मुझे डॉक्टर से सलाह लेनी होगी लेकिन मैं पांच हजार, 10 हजार मीटर के साथ 25के, हाफ और फुल मैराथन में दौड़ना जारी रखूंगी।’
Source: Sports