मप्र के मोहपाश मामले में दायर किया गया 400 पन्नों का आरोपपत्र

इंदौर, 16 दिसंबर (भाषा) मध्यप्रदेश के मोहपाश में फंसाने (हनी ट्रैप) मामले के खुलासे के तीन महीने पूरे होने से ठीक पहले स्थानीय अदालत में सोमवार को पांच महिलाओं समेत छह लोगों के खिलाफ आरोप पत्र दायर किया गया। करीब 400 पृष्ठों के आरोप पत्र में कहा गया है कि इस मामले में शामिल संगठित गिरोह मानव तस्करी के जरिये भोपाल लायी गयी युवतियों के इस्तेमाल से धनवान लोगों और ऊंचे पदों पर बैठे लोगों को अपने जाल में फांसता था । फिर उनके अंतरंग पलों के वीडियो, सोशल मीडिया चैट के स्क्रीनशॉट आदि आपत्तिजनक सामग्री के आधार पर उन्हें ब्लैकमेल करता था। आरोप पत्र के अनुसार गिरोह ने उसके जाल में फंसे प्रभावशाली लोगों को धमकाकर उनसे सरकारी कर्मियों की “तबादला-तैनाती” की सिफारिशें भी करायी थीं और इन कामों के आधार पर अवैध लाभ कमाया था। आरोपियों में शामिल आरती दयाल (29) के ठिकानों से उसकी निजी डायरी समेत कुछ संदिग्ध दस्तावेज भी जब्त किये गये हैं जिनमें ब्लैकमेलिंग से वसूली गयी रकम का ब्यौरा कोड वर्ड में दर्ज है। इन दस्तावेजों में शासकीय विभागों से संबंधित स्थानांतरणों, नियुक्तियों और ठेकों आदि का भी जिक्र है। बहरहाल, आरोप पत्र में इंदौर नगर निगम के एक शिकायतकर्ता अधिकारी के अलावा किसी अन्य व्यक्ति के नाम का विशिष्ट उल्लेख नहीं है जो इस गिरोह के जाल में फंसकर ब्लैकमेलिंग का शिकार हुआ हो। आरोप पत्र में कहा गया, “जिन व्यक्तियों को उनके अंतरंग वीडियो, ऑडियो और सोशल मीडिया चैट के आधार पर ब्लैकमेल किया गया है या इसका प्रयास किया गया है, उन व्यक्तियों की पहचान करना और मामले में उनकी (संदिग्ध) आपराधिक भूमिका के बारे में जांच बाकी है। ऐसे व्यक्ति यदि लोक सेवक थे, तो इस बारे में भी तहकीकात बाकी है कि कहीं उन्होंने अपने पद का किसी भी प्रकार दुरुपयोग कर आरोपी गण को प्रत्यक्ष या परोक्ष लाभ तो नहीं पहुंचाया है?” इस मामले में प्रथम श्रेणी न्यायिक मजिस्ट्रेट (जेएमएफसी) अमित कुमार गुप्ता के सामने आरती दयाल (29), मोनिका यादव (19), श्वेता विजय जैन (39), श्वेता स्वप्निल जैन (48) व बरखा सोनी (35) और उनके ड्राइवर ओमप्रकाश कोरी (45) के विरूद्ध आरोपपत्र एवं संबंधित दस्तावेज पेश किए गये। यह आरोप पत्र भारतीय दंड विधान की धारा 120-बी (आपराधिक साजिश), धारा 370 (मानव तस्करी), 385 (फिरौती वसूलने के लिण् किसी व्यक्ति को भयभीत कापे) और अन्य धाराओं के साथ तहत दायर किया गया। आरोप पत्र में सूचना प्रौद्योगिकी अधिनियम की धारा 66-ई (अंतरंग पलों का वीडियो बनाकर निजता भंग करना), धारा 67(इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में अश्लील सामग्री का प्रकाशन या प्रसारण) और धारा 67-ए (यौन क्रिया से जुड़ी सामग्री का इलेक्ट्रॉनिक स्वरूप में प्रकाशन या प्रसारण) भी शामिल हैं। मामले के दो अन्य आरोपी-रूपा अहिरवार और अभिषेक ठाकुर फरार हैं। अभियोजन पक्ष की ओर से अदालत के सामने 57 गवाहों की जो सूची सौंपी गयी है, उसमें मोहपाश मामले में प्रदेश सरकार के गठित विशेष जांच दल (एसआईटी) के प्रमुख तथा विशेष पुलिस महानिदेशक (साइबर अपराध) राजेंद्र कुमार और इंदौर की वरिष्ठ पुलिस अधीक्षक (एसएसपी) रुचिवर्धन मिश्र शामिल हैं। मिश्र इस मामले में गठित एसआईटी की सदस्य भी हैं। इंदौर नगर निगम (आईएमसी) के अधीक्षण अभियंता हरभजन सिंह (60) ने 17 सितम्बर को शहर के पलासिया पुलिस थाने में प्राथमिकी दर्ज करायी थी कि मोहपाश गिरोह ने उनके कुछ आपत्तिजनक वीडियो क्लिप वायरल करने की धमकी देकर उनसे तीन करोड़ रुपये की मांग की थी। ये क्लिप खुफिया तरीके से तैयार किये गये थे। इसके बाद गिरोह का खुलासा कर पांचों महिलाओं और उनके ड्राइवर को भोपाल और इंदौर से गिरफ्तार किया गया था।

Source: Madhyapradesh

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