नई दिल्ली -एम्स की पांच मंजिला बिल्डिंग में लगी आग के बाद दिल्ली फायर सर्विस ने इस बिल्डिंग को खतरनाक घोषित कर दिया है। जांच में पता लगा है कि आग से बिल्डिंग को भारी नुकसान पहुंचा है और बिल्डिंग के कुछ हिस्सों में क्रैक तक आ गए हैं। इससे बिल्डिंग के गिरने का खतरा बढ़ गया है। इसलिए इसका कमर्शल इस्तेमाल शुरू करने से पहले इसका क्वॉलिफाइड स्ट्रक्चरल इंजीनियर से चेक कराना बेहद जरूरी है। यह तमाम बातें दिल्ली फायर सर्विस की ओर से एम्स को दिए गए नोटिस में कही गई हैं। 17 अगस्त की शाम को एम्स की माइक्रोबायोलॉजी डिपार्टमेंट वाली पांच मंजिला बिल्डिंग में आग लग गई थी।
सूत्रों के अनुसार फायर सर्विस ने यह नोटिस एम्स के डायरेक्टर को जारी किया गया है। इसमें तमाम कमियों के बारे में अवगत कराया गया है। साथ ही यह भी कहा गया है कि एम्स यहां फुल टाइम ट्रेंड फायर अफसर और टीम की तैनाती करे, ताकि इस तरह की किसी भी इमरजेंसी से समय रहते निपटा जा सके।
नोटिस में फायर विभाग ने सीधे तौर पर एम्स प्रशासन की कई स्तर पर लापरवाही और कमियां बताई हैं। जांच में यह भी पता लगा है कि आग लगने के शुरुआती स्टेज पर यहां के हाइड्रेंट काम ही नहीं कर रहे थे। साथ ही बिल्डिंग के आसपास इस तरह के बैरिकेड्स, कंक्रीट और अन्य चीजें फैली हुई थी, जिससे आग बुझाने में फायर ब्रिगेड को काफी समस्याओं का सामना करना पड़ा। इन तमाम समस्याओं के चलते आग बुझाने में छह घंटे से भी अधिक समय तक फायर ब्रिगेड को जूझना पड़ा।
शाफ्ट में भी सील नहीं लगी थी
सूत्रों के अनुसार यहां की शाफ्ट में भी सील नहीं लगी थी। जिससे आग दूसरी से ऊपरी मंजिल तक फैल गई। एम्स से कहा गया है कि वह इस बिल्डिंग का सेफ्टी ऑडिट तो कराए ही। साथ ही उन्हें यह भी सलाह दी है कि बिल्डिंग में फिर से कामकाज शुरू करने से पहले इसका फायर क्लीयरेंस भी लिया जाए।
बिल्डिंग में फिलहाल किसी तरह का काम नहीं
फिलहाल बिल्डिंग में किसी भी तरह का काम नहीं किया जा रहा है। बताया जाता है कि आग लगने का कारण शॉर्ट सर्किट था। यह भी पता लगा है कि उस दिन आग बुझाने के लिए ऊपर के अधिकारियों ने फायर सर्विस से हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल करने की भी बात कही थी। फायर विभाग ने हेलिकॉप्टर के इस्तेमाल के पुराने दो बुरे रिकॉर्ड देखकर इसके इस्तेमाल से इनकार कर दिया था।