इलाहाबाद केंद्रीय विश्वविद्यालय के कुलपति प्रफेसर के इस्तीफे के बाद शिक्षा शास्त्र विभाग के वरिष्ठ प्रफेसर ने कार्यवाहक कुलपति का कार्यभार संभाल लिया है। हालांकि, उन्हें चार्ज लेने के लिए मंत्रालय से कोई आदेश नहीं मिला है लेकिन यूनिवर्सिटी के सबसे वरिष्ठ प्रफेसर होने के कारण उन्होंने कार्यवाहक कुलपति के रूप में कार्यभार संभाला है। इससे पहले भी कुलपति के अवकाश पर जाने पर प्रफेसर करुणा शंकर मिश्रा ही कार्यवाहक का पदभार संभालते रहे हैं।
नियुक्ति सहित कई गंभीर आरोपों के चलते कुलपति प्रफेसर रतनलाल हांगलू ने 1 जनवरी को अपने पद से इस्तीफा दे दिया था। कार्यवाहक कुलपति प्रफेसर करुणा शंकर मिश्रा ने कुलपति प्रोफेसर रतन लाल हांगलू के केंद्रीय मानव संसाधन विकास मंत्रालय को इस्तीफा भेजे जाने की पुष्टि कर दी है। उनके साथ ही कुलपति प्रफेसर रतन लाल हांगलू की टीम के कई अधिकारियों के भी अपने दायित्वों से इस्तीफा देने के सवाल पर उन्होंने कहा कि चीफ प्रॉक्टर प्रफेसर राम सेवक दुबे ने अपना इस्तीफा भेजा था लेकिन उन्होंने उसे अस्वीकार करते हुए पद पर बने रहने को कहा है।
2015 में के वीसी बने थे प्रफेसर हांगलू
वहीं, रजिस्ट्रार प्रफेसर एन.के. शुक्ला, जनसम्पर्क अधिकारी डॉ. चितरंजन कुमार और वित्त अधिकारी डॉ. सुनील कांत मिश्र के इस्तीफा देने की जानकारी होने से कार्यवाहक कुलपति ने इनकार किया है। गौरतलब है कि हैदराबाद यूनिवर्सिटी में इतिहास के प्रफेसर रहे प्रफेसर रतन लाल हांगलू ने 30 दिसंबर 2015 को इलाहाबाद सेंट्रल यूनिवर्सिटी के वीसी का कार्यभार ग्रहण किया था। इससे पहले वह पश्चिम बंगाल की कल्याणी यूनिवर्सिटी के भी वीसी रह चुके थे।
पिछले चार सालों के कार्यकाल में वीसी प्रफेसर रतन लाल हांगलू लगातार विवादों में बने रहे। विवादों के चलते ही 27 नवंबर 2019 को वह लंबी छुट्टी पर चले गए थे और छुट्टी से वापस लौटने के बाद वह केंद्रीय महिला आयोग के सामने भी पेश हुए। बाद में विवाद बढ़ता देख उन्होंने वीसी पद से इस्तीफा दे दिया। कार्यवाहक कुलपति ने विश्वविद्यालय के छात्र-छात्राओं से अपील की है कि वे शांति बनाए रखें और विश्वविद्यालय में शैक्षणिक वातावरण को बनाए रखने में सहयोग दें।
Source: International