महाराष्ट्र: मंत्रालयों का बंटवारा नहीं, कामकाज ठप

मुंबई
महाराष्ट्र में सोमवार को 36 विधायकों ने मंत्री पद की शपथ ली लेकिन विभाग का बंटवारा अभी तक नहीं हुआ है। मंत्री पदों के बंटवारे नहीं होने से सरकारी कामकाज पूरी तरह से ठप पड़ गया है। इससे धीरे-धीरे फाइलों का अंबार लगता जा रहा है। इधर, अधिकारी वर्ग भी मौन बैठा है। उसे अपने तबादले का भय सता रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय भी सूना-सूना पड़ा है।

मंत्रिमंडल विस्तार के तहत 30 दिसंबर को 36 विधायकों को मंत्री पद की शपथ दिलाई गई, लेकिन विभागों का बंटवारा नहीं हो सका। विभागों के बंटवारे में तीनों उलझ गए हैं, जिसका इसका असर सरकारी कामकाज पर पड़ रहा है। मुख्यमंत्री कार्यालय में अफसरों और कर्मचारियों के पद अभी तक नहीं भरा जा सका है। मुख्यमंत्री कार्यालय में कर्मचारियों और अधिकारियों की कमी के चलते दर्जनों फाइलें मंजूरी के इंतजार में लटकी हुई हैं।

इसमें सामान्य प्रशासन विभाग समेत अन्य विभागों के अफसरों की पदोन्नति के अलावा विभिन्न प्रस्तावों से जुड़ी फाइलें शामिल हैं। सरकार के सामान्य प्रशासन विभाग ने मुख्यमंत्री सचिवालय में कुल 146 पदों को भरने को मंजूरी दी है, लेकिन मुख्यमंत्री सचिवालय में अब तक सह सचिव, उप सचिव, अवर सचिव, मुख्यमंत्री के निजी सचिव, विशेष कार्य अधिकारी (ओएसडी), कक्ष अधिकारी, सचिवों के सह सचिव और उप सचिव स्तर के अफसरों की नियुक्ति नहीं हो पाई है। इससे मुख्यमंत्री सचिवालय में मंजूरी के लिए आई फाइलों का निपटारा तेज गति से नहीं हो पा रहा है।

अधिकारियों पर लटकी तलवार
नई सरकार आने पर बड़े पैमाने पर अधिकारियों को तबादले का सामना करना पड़ता है। ठाकरे सरकार में अब तक मंत्री पदों का बंटवारा नहीं हुआ है। इससे अधिकारी भी शांति से बैठा है और वह अपने तबादले का इंतजार कर रहा है। इसका असर सरकारी काम पर पड़ रहा है। एक तरह से पूरा महाराष्ट्र ठप पड़ा है।

चार महीने से ठप है कामकाज
महाराष्ट्र में विधानसभा चुनाव के लिए आचार संहिता 21 सितंबर को लग गई थी और 21 अक्टूबर को मतदान हुआ। चुनाव नतीजे 24 अक्टूबर को आ गए, लेकिन सरकार नहीं बन पाई। इस कारण राष्ट्रपति शासन लागू कर दिया। शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस में सरकार बनाने के लिए माथापच्ची चल ही रही थी कि एनसीपी के अजित पवार को लेकर बीजेपी के देवेंद्र फडणवीस ने सरकार बना ली लेकिन वह ऐतिहासिक सरकार महज 80 घंटों ही चल सकी।

उसके बाद शिवसेना अध्यक्ष उद्धव ठाकरे के नेतृत्व में शिवसेना, एनसीपी और कांग्रेस ने मिलकर सरकार बनाने का दावा किया और शिवाजी पार्क मैदान पर 28 नवंबर को ठाकरे सहित सात लोगों ने मंत्री पद की शपथ ली, लेकिन विभागों का बंटवारा करने में ही एक सप्ताह से ज्यादा समय लग गया। अब मंत्रिमंडल विस्तार हुए भी दो दिन बीत चुके हैं। अगर यह गतिरोध इसी तरह से जारी रहा, तो लंबित कामों का बोझ बढ़ता ही जाएगा।

Source: National

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