प्रधानमंत्री ने गुरुवार को बेंगलुरु में डीआरडीओ के एक कार्यक्रम में वैज्ञानिकों को संबोधित किया और यहां 5 डीआरडीओ यंग साइंटिस्ट लैब्स को लॉन्च किया। इस दौरान उन्होंने युवा वैज्ञानिकों से लगातार कोशिश करते रहने को कहा और अगले दशक में डीआरडीओ के रोडमैप पर गंभीरता से काम करने की जरूरत बताई।
इस मौके पर उन्होंने कहा, ‘यह संयोग ही है कि अब से कुछ समय पहले मैं किसानों के कार्यक्रम में था और अब यहां देश के जवान और अनुसंधान की चिंता करने वाले आप सभी साथियों के बीच में हूं और कल मुझे साइंस कांग्रेस में जाना है।’ उन्होंने कहा कि अडवांस्ड टेक्नॉलजी के क्षेत्र में 5 लैब्स स्थापित करने के सुझाव पर गंभीरता से काम हुआ और आज बेंगलुरु, कोलकाता, चेन्नई, हैदराबाद और मुंबई में 5 ऐसे संस्थान शुरू हो रहे हैं।
यह भी पढ़ें:
पीएम ने कहा, ‘अपने युवा वैज्ञानिक साथियों से मैं ये भी कहूंगा कि ये लैब्स, सिर्फ टेक्नॉलजी को टेस्ट नहीं करेंगी, आपके टेंपरामेंट और पेशेंस को भी टेस्ट करने वाली हैं। आपको हमेशा ये ध्यान रखना होगा कि आपके प्रयास और निरंतर अभ्यास ही हमें सफलता के रास्ते पर ले जाएंगे। आज का ये कार्यक्रम तो एक शुरुआत भर है। आपके सामने सिर्फ अगला एक साल नहीं, अगला एक दशक है। इस एक दशक में DRDO का मीडियम और लॉन्ग टर्म रोडमैप क्या हो, इस पर बहुत गंभीरता से विचार किया जाना चाहिए।’
यह भी पढ़ें:
पीएम मोदी ने कहा कि हमें सिर्फ विचार करने पर नहीं रुकना चाहिए बल्कि तय समय के अंदर ऐक्शन भी लें। उन्होंने DRDO को ऐसी ऊंचाई पर देखने की उम्मीद जताई जहां वह न सिर्फ भारत के वैज्ञानिक संस्थानों की दिशा और दशा तय करे, बल्कि दुनिया के अन्य बड़े संस्थानों के लिए भी प्रेरणास्रोत बने। उन्होंने कहा, ‘आपने भारत के मिसाइल कार्यक्रम को दुनिया के सबसे उत्कृष्ट कार्यक्रमों में शामिल किया है। बीता वर्ष तो स्पेस और एयर डिफेंस के क्षेत्र में भारत के सामर्थ्य को नई दिशा देने वाला रहा है।’
Source: National